जंगली भालू आए दिन लोगों को बना रहा शिकार ( hunting)

बोकारो. बोकारो के गोमिया प्रखंड अंतर्गत तेनुघाट वन क्षेत्र के आसपास के गावों में रह रहे लोग जंगली जानवरों के आतंक से परेशान हैं. हाथी व भालू आए दिन लोगों पर हमला कर रहे हैं. वन विभाग की ओर से ग्रामीणों की सुरक्षा की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है. इसे लेकर लोगों में आक्रोश है. ताजा मामले में लेढीआम गांव के रहने वाले 55 वर्षीय वार्ड सदस्य नरेश महतो पर चार जंगली भालू ने हमला ( hunting) कर दिया.
इस दौरान भालुओं ने नरेश के चेहरे, आंख व हाथ को बुरी तरह नोच लिया. हो हल्ला होने पर स्थानीय लोग वहां जुटे और किसी तरह उन्हें भालुओं के चंगुल से निकाला. लेकिन तब तक नरेश बुरी तरह जख्मी हो चुके थे. उनकी एक आंख निकल कर जमीन पर गिर गई थी. परिजनों ने आनन-फानन में घायल को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया. जहां उनकी गंभीर हालत को देखते हुए प्राथमिक उपचार के बाद रांची रेफर कर दिया गया. गंभीर स्थिति में रिम्स में उनका इलाज चल रहा है. जानकारी के अनुसार नरेश जंगल में चरने गए मवेशी को लाने गए थे. उसी दौरान 4 भालुओं ने हमला कर दिया.
वन विभाग पर उदासीनता का आरोप
पंचमो पंचायत के मुखिया राजेश रजवार ने बताया कि इलाके में इस तरह की घटना आम बात है. वन विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है. हाल ही में मुरपा गांव की सरिता देवी को जंगली भालू ने अपना शिकार बना लिया था. घटना में महिला के सिर व गर्दन में गंभीर जख्म हो गए थे. अभी तक इलाज चल रहा है. काफी भाग दौड़ के बाद वन विभाग से इलाज के लिए मात्र एक लाख रुपये मिले हैं. जबकि इससे कहीं अधिक खर्च हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि जब कोई घटना होती है तो विभाग सक्रियता दिखाता है. लेकिन उसके बाद उदासीन हो जाता है. यही कारण है कि लोग आए दिन जंगली जानवरों के शिकार हो रहे हैं. इलाके के लोग दहशत में जी रहे हैं. उन्होंने विभाग से जानवरों से बचाव को लेकर प्रशिक्षण व जरूरी उपकरण की मांग की.
सुरक्षा की दिशा में विभाग करेगा पहल- अधिकारी
वहीं, वन क्षेत्र के अधिकारी बिनय कुमार ने कहा कि भालू के हमले में घायल व्यक्ति के मामले में विभाग नजर बनाए हुए है. जरूरी कागजात की मांग की गई है. कागज आते ही मुआवजा की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. वन विभाग टीम का गठन कर जंगली भालू से जानमाल की रक्षा के लिए जरूरी पहल करेगा. उन्होंने ग्रामीणों से सावधानी बरतने की अपील की और कहा कि अकेले जंगल में नहीं जाए. जंगली जानवरों की गतिविधि का पता चलते ही तुरंत इसकी सूचना विभाग को दें.