कोर्ट के अंदर पत्नी ने पति का कॉलर (Wife thrashed husband)पकड़कर पीटा

मनेंद्रगढ़: छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़ न्यायालय में पेशी पर पति-पत्नी पहुंचे थे, लेकिन तभी अचानक पत्नी ने पति का कॉलर पकड़कर अपने बच्चे के भरण-पोषण के लेकर पति से खर्चा मांगने लगी और न्यायालय परिसर के बाहर पति-पत्नी(Wife thrashed husband) n आपस में मारपीट करने लगे. दरअसल, भरण-पोषण को लेकर मनेंद्रगढ़ परिवार न्यायालय में पेशी पर पहुंचे पति-पत्नी में हाथापाई हो गई. पत्नी ने पति की कॉलर पकड़ मारपीट भी की. मामला इतना बढ़ा कि दोनों न्यायालय से निकलकर एक-दूसरे के खिलाफ मनेंद्रगढ़ थाने मे केस दर्ज कराने पहुंच गए. चिरमिरी के छोटी बाजार निवासी शशि का विवाह सकती जिला अंतर्गत नंदेली निवासी सोहन धीरे के साथ वर्ष 2014 में हुआ था.
कोर्ट में पति-पत्नी के बीच हुआ झगड़ा
छह साल से पति-पत्नी अलग रह रहे हैं. 7 साल की उनकी एक बेटी भी है. शशि ने परिवार न्यायालय में भरण-पोषण पाने परिवाद पेश किया है. महिला का पति सोहन धिरहे सोमवार को पहली बार न्यायालय से मिले नोटिस पर परिवार न्यायालय में उपस्थित हुआ. न्यायालय ने पति-पत्नी को मध्यस्थता के लिए भेजा. न्यायालय परिसर में मध्यस्थता के दौरान पति-पत्नी में भरण-पोषण की राशि को लेकर विवाद होने लगा.
पति को कमाई में से 1000 रुपये देने के लिए कहा
सोहन धीर की पत्नी ने बताया कि जब हम लोग का काउंसलिंग हो रहा था तो कोर्ट के अंदर सोहन धिरहे से मजिस्ट्रेट मैडम बोलीं, ‘कितना कमाते हो’. सोहन धीर ने बोला कि 5000 रुपये. इसके बाद मजिस्ट्रेट ने कहा कि उसको कमाई का ₹1000 रुपये दो. इस पर सोहन ने कहा कि नहीं दे सकता. इसके बाद मजिस्ट्रेट मैडम ने बोलीं कि फिर अपनी पत्नी को ले जाओ तो सोहन धीर का कहना था कि नहीं ले जा सकता, क्योंकि मैंने दूसरी शादी कर ली है और उससे मुझे एक बच्चा भी है. इस वजह से मैं नहीं ले जा सकता. पत्नी का कहना है कि 7 साल से मेरे पति सोहन ने मुझे छोड़ दिया है लेकिन मेरे बच्चे की भरण पोषण के लिए खर्च नहीं देता है.
पति ने पत्नी के खिलाफ दर्ज कराई रिपोर्ट
न्यायालय के बाहर पत्नी ने पति के ऊपर राशि नहीं देने और बच्चे का भरण-पोषण नहीं करने का आरोप लगा मारपीट की. मामला इतना बढ़ गया कि पति ने मनेंद्रगढ़ थाने में पत्नी के खिलाफ लिखित रिपोर्ट दर्ज कराई. वहीं, उसकी पत्नी ने भी पति के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई. पति-पत्नी का बयान लेने के बाद पुलिस ने उन्हें फिर न्यायालय की शरण में जाने की सलाह दी है.