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Personal Loan क्यों लेना चाहिए और क्यों नहीं?

आपने अक्सर सुना होगा कि किसी भी चीज के दो पहलू होते हैं। यही थ्योरी पर्सनल लोन के लिए भी लागू होती है। Personal Loan के अगर फायदे हैं, तो इसके कुछ नुकसान भी हैं। ऐसे में कई बार लोग पर्सनल लोन लेने या ना लेने को लेकर कंफ्यूज हो जाते हैं। कई लोगों के मन में सवाल हो सकता है कि क्या पर्सनल लोन लेना चाहिए या नहीं। अब इस सवाल के जवाब के लिए सबसे पहले व्यक्ति को यह समझना होगा कि आखिर उसे पैसों (लोन के) की कितनी जरूरत है और उसके बाद पर्सनल लोन के फायदे और नुकसान को ध्यान में रखते हुए यह समझना होगा कि इसे लेना ठीक रहेगा या नहीं। इसके लिए आपको जरूरत कि आप पर्सनल लोन के फायदे और नुकसान के बारे में जानें। तो चलिए, आपको पर्सनल लोन(Personal Loan) के बेसिक फायदे और नुकसान, दोनों के बारे में बताते हैं।

पर्सनल लोन के फायदे-

कोलेट्रल की जरुरत नहीं- दरअसल, पर्सनल लोन(Personal Loan)  एक अनसिक्योर्ड श्रेणी का प्रोडक्ट है। इसीलिए, पर्सनल लोन के लिए आवेदक को कोई सिक्योरिटी देने की जरूरत नहीं होती। हालांकि, लोन की ब्याज दर तय करने के लिए आमतौर पर बैंक, लोन लेने वाले की आय, कैश-फ्लो, क्रेडिट स्कोर और रिपेमेंट क्षमता आदि का मूल्यांकन करता है और उसके आधार पर लोन राशि तथा ब्याज दर तय करता है।

इस्तेमाल पर नहीं कोई प्रतिबंध- पर्सनल लोन की राशि को इस्तेमाल करने का कोई दायरा फिक्स नहीं होता। पर्सनल लोन लेने वाला व्यक्ति उस राशि को किसी भी वैध कार्य के लिए इस्तेमाल कर सकता है जबकि अन्य कई तरह के लोन ऐसे होते हैं, जो स्पेसिफिक काम के लिए ही लिए इस्तेमाल किए जाते हैं, जैसे- कार लोन लेने पर सिर्फ कार के लिए भुगतान किया जा सकता है और होम लोन लेने पर सिर्फ घर खरीदने के लिए भुगतान किया जा सकता है। वहीं, पर्सनल लोन का इस्तेमाल घूमने-फिरने जैसे किसी भी काम के लिए किया जा सकता है। लोन की राशि सीधे उधारकर्ता को दी जाती है।

पर्सनल लोन के नुकसान-

ब्याज की उच्च दरें- आम तौर पर, पर्सनल लोन की ब्याज दरें ज्यादा होती हैं जबकि अन्य लोन (होम लोन, कार लोन, गोल्ड लोन) की ब्याज दरें कम होती हैं। ऐसे में पर्सनल लोन पर व्यक्ति को ज्यादा ब्याज चुकाना पड़ता है, जिससे उसकी जेब पर ज्यादा असर पड़ता है। इससे बैंको को ज्यादा फायदा होता है।

इनकम प्रूफ और सिबिल स्कोर- आम तौर पर बैंक, बिना इनकम प्रूफ के पर्सनल लोन नहीं देते हैं जबकि गोल्ड लोन या प्रॉपर्टी लोन के लिए इनकम प्रूफ की जरूरत नहीं होती है। इनमें कोलेट्रल के आधार पर लोन दे दिया जाता है लेकिन पर्सनल लोन में कोलेट्रल की जरूरत नहीं होती, इसीलिए इसके लिए बैंक सिबिल स्कोर देखता है, जो अच्छा होना चाहिए।

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