कार में आगे (e front ) ही क्यों दिया जाता है इंजन?
नई दिल्ली. आपने कारें तो बहुत चलाई होंगी. इनके इंजन भी आपने कई बार देखें होंगे. 100 में से 99 गाड़ियों के इंजन आपको आगे ही दिखे होंगे. हालांकि कुछ स्पोर्ट्स कारों में जरूर आपने इंजन पीछे देखा होगा लेकिन वे गाड़ियां सामान्य गाड़ियों से बिल्कुल अलग होंगी. हालांकि सड़कों पर चलने वाली लगभग सभी गाड़ियों के इंजन आगे (e front ) की तरफ ही होते हैं. क्या कभी आपने सोचा कि कार में इंजन बीच में या पीछे क्यों नहीं फिट किया जाता है.
दरअसल कारों में आगे इंजन देने के पीछे भी बहुत बड़ा कारण है और वो साइंटिफिक तर्क पर आधारित है. इंजन का वजन आगे होने से ड्राइविंग आसान होती है और कार के स्टीयरिंग पर कंट्रोल अच्छा रहता है. आइये जानते हैं कार में आगे इंजन देने के पीछे क्या बड़ा कारण छुपा है.
स्पेस और सर्विस में आसानी
कार में इंजन को आगे दिए जाने के पीछे जो सबसे सामान्य दो कारण हैं वो हैं कार में स्पेस का बढ़ जाना और इंजन की सर्विस करने में आसानी होना. आगे इंजन होने के चलते इस तक पहुंच आसान हो जाती है और किसी भी तरह का बदलाव या पार्ट को चेंज करने में आसानी होती है. वहीं इंजन आगे देने से कार में पीछे की तरफ काफी स्पेस निकाला जा सकता है.
आसान टेक्नीक
इंजन को आगे देने के बाद एक्सेल को लंबा करने से बचा जाता है. कार का इंजन एक्सेल के ठीक ऊपर होता है इससे इंजन की पावर से कार को रन करने में आसानी होती है. साथ ही फ्रंट व्हील ड्राइव कार में इंजन टायरों के बिल्कुल पास होने के चलते प्रोड्यूस होने वाली एनर्जी का भी लॉस कम होता है.
बेहतर बैलेंस
कार में आगे की तरफ इंजन का भार होने के चलते तेज रफ्तार के दौरान इसका बैलेंस सही रहता है और हवा का दबाव ज्यादा नहीं बनता है. जिसके चलते कार तेज स्पीड में भी सड़क पर रहकर चलती है. इंजन का भार आगे नहीं होने पर तेज स्पीड में हवा का प्रैशर काफी ज्यादा होता है और ऐसे में कार को संभालना आमतौर पर मुश्किल होता है.
कूलिंग और सेफ्टी
फ्रंट में इंजन होने के चलते कूलिंग में भी आसानी रहती है. कार के चलने के दौरान इंजन पर सीधे हवा लगती है जो इसे काफी हद तक ठंडा कर देती है. इसी के साथ कार में बैठे पैसेंजर्स को इंजन एक सुरक्षा भी प्रदान करता है. किसी भी तरह की आगे से टक्कर होने पर पहले इंजन एक सेफ्टी लेयर की तरह काम करता है और लोगों को बचाता है.