उत्तर प्रदेश

आखिर क्यों रुकी है जॉच ! महीनो बीतने के बाद अभी भी नही खुला भृष्टाचार का चिट्ठा !

फतेहपुर –  जनपद के 13 विकास खण्डों में ज्यादातर सत्ताधारियों की कमान है। जिनमे कुछ में तो मनमानी अपने चरम पर है और फिर इनमें अफसरों की अनदेखी से सोने पे सुहागा की कहावत चरितार्थ हो रही है। इसी का नतीजा है कि यहां भ्रष्टाचार के नित नए कारनामें हो रहे हैं। अब मलवां विकास खंड के कुछ काले कारनामें की चर्चा महीनो से लोगों की जुबान पर है, बांकी विकास खंडों की करतूतें तो अभी पर्दे के पीछे हैं। मलवां विकास खंड से हुए टेंडर में चौडगरा चौकी में इंटरलॉकिंग के अलावा कल्यानपुर थाना की बाउंड्री एवं इंटरलॉकिंग के टेंडर भी निकाले गए थे, जबकि यह काम जगजाहिर है कि जन सहयोग से हुआ था। इन कामो के लिए ग्राम प्रधानों से लेकर भट्ठा संचालकों, व्यापारियों ने चंदा और सामान तक दिया था।

चर्चा तो ये भी है कि चौडगरा में एक प्राइवेट व्यक्ति की मार्केट में इंटरलॉकिंग का काम करा दिया गया था। जहां आबादी भी नहीं है फिर भी प्लाटिंग की एक जमीन में इंटरलॉकिंग के अलावा बिन्दकी रेलवे फाटक के समीप एक मुर्गी फार्म के जाने वाले रास्ते में भी सरकारी खजाने को पानी की तरह बहा दिया गया था। इतना ही नहीं एक भट्टे में मिट्टी की पथाई के लिए जाने वाले मजदूरों के लिए भी रास्ता बनाने का काम किया गया था। बताते तो ये भी है कि एक ही गाँव मे 8 काम विकास के लिए चुने गए थे |

जबकि बांकी का क्षेत्र विकास के लिए अछूता अभी भी पड़ा हुआ है। इन्हीं कामों में तीन ऐसे कामों की तस्वीरें सामने आई जहां पहले से ही सड़कें ठीक-ठाक बनी हुई थी और उन्हें रंग रोगन करके खेल करने का आरोप लगा था, और तो और इसी ब्लाक क्षेत्र में स्ट्रीट लाइटों को लगाने में बड़े खेल की चर्चा भी आम रही। इन सब मामलों की जाँच पिछले कई महीनों से चल रही है पर जाँच का इतना लेट-लतीफ होना कई सवाल खड़े कर रहा है, क्योंकि ये सारे भ्रष्टाचार की करतूतें बड़ी जांच के बाद ही खुलकर सामने आएंगी,और कहीं सरकार को बदनाम करने का राज न खुल जाए, हो सकता है इसलिए जाँच को रोक कर रखा गया हो और जाँच में हीलाहवाली की जा रही हो। हालांकि इस सम्बंध में बीडीओ मलवा ने अपना पल्ला झाड़ते हुए दो टूक शब्दों में बताया कि जाँच जिला विकास अधिकारी के पास है वही बता सकते हैं।

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