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लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र को क्यों बढ़ाना चाहती हैं सरकार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात के संकेत दिए हैं कि आने वाले दिनों में लड़कियों की शादी करने की न्यूनतम उम्र बढ़ाई जा सकती है। 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से भाषण देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सरकार ने इसको लेकर एक कमेटी बनाई है और उनके सुझावों को ध्यान में रखते हुए सरकार जल्द ही फैसला ले सकती है। बता दें कि भारत में इस वक्त लड़कियों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल है, लेकिन ऐसे संकेत मिल रहे हैं इसे बढ़ा कर 21 साल किया जा सकता है।

लाल किले की प्राचीर से भाषण देते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘हमने अपनी बेटियों की शादी के लिए न्यूनतम आयु पर पुनर्विचार करने के लिए कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी की तरफ से रिपोर्ट दिए जाने के बाद हम इस पर उचित फैसला लेंगे। कमेटी उन प्रयासों को भी देखेगी जो लड़कियों में कुपोषण को कम करने के लिए उठाए जा सकते हैं।’

बता दें कि साल 1978 से भारत में लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल है। इस साल जून में भारत सरकार ने इसकी समीक्षा के लिए एक कमेटी का गठन किया था। इसके पीछे का मकसद मातृत्व मृत्युदर में कमी लाना है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल अपने बजट भाषण में कहा था कि महिला के मां बनने की सही उम्र के बारे में सलाह देने के लिए एक टास्क फोर्स बनाई जाएगी।
सरकार की इस कवायद के पीछ सुप्रीम कोर्ट का एक फैसला भी है। अक्टूबर 2017 में कोर्ट ने कहा था कि वैवाहिक बलात्कार से लड़की को बचाने के लिए बाल विवाह को पूरी तरह से अवैध माना जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने विवाह के लिए न्यूनतम उम्र के बारे में फैसला लेने का काम सरकार पर छोड़ दिया था।

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