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शराब घोटाले की जांच में क्यों आया अरविंद केजरीवाल का नाम?

नई दिल्ली. केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने कथित आबकारी नीति घोटाला मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल            (Arvind Kejriwal)  को 16 अप्रैल को तलब किया है. केजरीवाल को जांच दल के सवालों का जवाब देने के लिए सुबह 11 बजे एजेंसी मुख्यालय में उपस्थित होने को कहा गया है. सूत्रों ने कहा कि ऐसे आरोप हैं कि कुछ शराब कारोबारियों और दक्षिण लॉबी के पक्ष में नीति में फेरबदल कर जुटाए गए पैसे को ‘आप’ द्वारा चुनावी उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किए जाने का संदेह है.
जांच के दौरान ये बातें भी सामने आई थी की गिरफ़्तार आरोपी विजय नायर ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की बात गिरफ़्तार आरोपी समीर महेंद्रू से करवायी थी. इस बातचीत में आम आदमी पार्टी प्रमुख केजरीवाल ने समीर को कहा था कि “He is my Boy”. इसके अलावा पॉलिसी ड्राफ़्ट की कॉपी मनीष सिसोदिया ने अपने तत्कालीन पीए सी अरविंद को सीएम केजरीवाल के घर पर दी थी.

इसके साथ ही दस्तावेजों में यह भी कहा गया है कि विजय नायर जो कि आम आदमी पार्टी के मीडिया और कम्युनिकेशन इंचार्ज हैं ने इस कथित घोटाले में दलाल या मध्यस्थ की भूमिका अदा की.

क्या हैं आरोप?
केंद्रीय जांच एजेंसी इस मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. इस तरह का आरोप है कि दिल्ली सरकार की 2021-22 की आबकारी नीति में शराब कारोबारियों को लाइसेंस देने के लिए कुछ डीलरों को फायदा पहुंचाया गया, जिन्होंने कथित तौर पर इसके लिए रिश्वत दी थी. हालांकि, आम आदमी पार्टी (आप) ने इस आरोप को खारिज किया था. यह नीति बाद में वापस ले ली गई थी.

सीबीआई के एक प्रवक्ता ने 17 अगस्त, 2022 को प्राथमिकी दर्ज होने के बाद कहा था, ‘‘यह आरोप लगाया गया है कि आबकारी नीति में संशोधन, लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ देना, लाइसेंस शुल्क में छूट/कमी, अनुमोदन के बिना एल-1 लाइसेंस का विस्तार आदि सहित अनियमितताएं की गईं.’’
क्यों रविवार को हो रही है पूछताछ?
सूत्रों ने कहा है कि कई कारकों पर विचार करने के बाद मामले में आरोपपत्र दाखिल करते समय केजरीवाल की अंतिम भूमिका, गवाह या आरोपी के रूप में तय की जाएगी. उन्होंने कहा कि फिलहाल मुख्यमंत्री से गवाह के तौर पर सवालों के जवाब देने की उम्मीद की जाती है.

सीबीआई ने अपने मुख्यालय के आसपास एक विस्तृत सुरक्षा व्यवस्था की है और इसलिए रविवार को पूछताछ का दिन रखा गया क्योंकि इस दिन आसपास के कार्यालय बंद रहते हैं. सिसोदिया को एजेंसी मुख्यालय में बुलाए जाने पर भी एजेंसी ने यही रणनीति अपनाई थी, जहां हिरासत में लिए जाने से पहले उनसे आठ घंटे तक पूछताछ की गई थी.

सीबीआई ने पिछले साल 25 नवंबर को सात आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था, लेकिन उसने मुख्य आरोपी सिसोदिया के खिलाफ जांच खुली रखी थी.

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