जिसे तालिबान (Taliban)ने किया था तबाह
तालिबान :साल 2001 में तालिबान (Taliban) द्वारा बामियान के विश्व प्रसिद्ध बुद्धों को डायनामाइट से उड़ा दिया गया था. छठी शताब्दी में इन बुद्ध की मूर्ति को फिर से इसका नवीकरण करके तालिबान इससे पैसे कमाने की प्लानिंग कर रहा है. इस बात का खुलासा इटली के समाजशास्त्री और लेखक मास्सिमो इंट्रोविग्ने ने बिटर विंटर ने लेख में किया है.
अफ़ग़ानिस्तान के बामियान छठी शताब्दी में बने दो बुद्ध की मूर्तियों को तालिबान ने 2001 में डायनामाइट लगाकर उड़ा दिया था. दोनों बुद्ध की मूर्तियों की ऊंचाई लगभग 125 से 180 फ़ीट के बीच में था. तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर के कहने पर मार्च 2001 में इन दोनों मूर्तियों को तबाह कर दिया गया था.
ये मूर्तियां अफगानिस्तान में प्राचीन कला की क्लासिक बौद्ध-गुप्त मिश्रित शैली का प्रतिनिधित्व करती है. इसके बड़े मूर्ति का नाम “साल्सल” (“ब्रह्मांड में प्रकाश चमकता है”) रखा गया था जबकि वही छोटी मूर्ति का नाम “शाह मामा” (“रानी मां”) रखा गया था.
इटालवी लेखक मास्सिमो इंट्रोविग्ने ने बिटर विंटर को बताया था कि अफ़ग़ानिस्तान में वर्तमान तालिबान सरकार ने उन्हें बुलाया था. लेकिन उन्होंने जाने से इनकार कर दिया था. उनका कहना है कि मैं नहीं चाहता हूं कि जिसको तालिबान ने तबाह किया उन जगहों से उसे पैसा मिले
मास्सिमो इंट्रोविग्ने कि तालिबान बामियान के बुद्ध मूर्तियों के साइट पर टूरिस्टों को आकर्षित कर उनसे पैसे कमाना चाहता है. लेकिन मैं नहीं चाहता कि तालिबान को पैसा मिले. तालिबान जब से सत्ता में आया है तब से वह आर्थिक संकट से जूझ रहा है. अफ़ग़ानिस्तान में लोग खाद्य संकट से भी जूझ रहा है
मालूम हो कि साल 2015 में चीनी दंपति जानसन यू और लियान हू ने वहां के खाली जगह पर 3डी प्रकाश प्रक्षेपण तकनीक के साथ पुनर्जीवित किया गया.
तालिबान टूरिस्टों नए नए ऑफर लेकर आ रहा है. अभी उन्होंने कहा कि टूरिस्ट उन जगहों पर जाकर ध्यान भी लगा सकते हैं. हालांकि इसके लिए टूरिस्टों पैसे चुकाने होंगे, चीजें फ्री नहीं होंगी. मास्सिमो इंट्रोविग्ने ने सारी बातें बिटर विंटर को बताया.