अंतराष्ट्रीय

अफगानिस्तान में छूटे अमेरिका के खतरनाक हथियार (dangerous weapons)कहां गए?

काबुल: पिछले साल जब अमेरिका ने तालिबान के कब्जे के बाद आनन-फानन में अफगानिस्तान छोड़ा था तो उसके बहुत सारे खतरनाक हथियार वहीं छूट गए थे. क्या वे हथियार वहीं हैं या कहीं लापता हो गए हैं. अब इस पर बड़ा खुलासा हुआ है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा जमाए बैठा तालिबान अब अमेरिका के उन हथियारों (dangerous weapons) को चोरी छुपे बेच रहा है और उसका सबसे बड़ा खरीदार बना हुआ है पाकिस्तान . सूत्रों के मुताबिक अफगानिस्तान के जाबुल प्रांत की ओपन मार्केट में अमेरिका के ये विध्वंसक हथियार बिकते हुए आसानी से देखे जा सकते हैं. उसके बाद ये हथियार स्मगलिंग के जरिए पाकिस्तान पहुंचा दिए जाते हैं.

जाबुल प्रांत की मार्केट में खुले में बिक रहे हथियार
अफगानिस्तान में कार्यरत के मुताबिक तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद वहां की सरकारी सेना की हजारों असॉल्ट राइफलें, बुलेट प्रूफ जैकेट, हेलमेट, मशीनगन और दूसरे हथियार पकड़ लिए थे. इन हथियारों को अब तालिबान के कई कमांडर जाबुल प्रांत की ओपन आर्म मार्केट में बेच रहे हैं. वहां से इन हथियारों को खरीदकर पाकिस्तान पहुंचा दिया जाता है.

पाकिस्तान स्मगल किए जा रहे हथियार बरामद
हालांकि अब दक्षिण कंधार प्रांत में के लड़ाकों ने एक दर्जन असॉल्ट राइफलें और हथियार पकड़े हैं. ये हथियार स्मगल करके पाकिस्तान पहुंचाए जा रहे थे. जो हथियार जब्त किए गए हैं, उनमे 6 एके-47 राइफलें, हजारों गोलियां और 19 रॉकेट लॉन्चर शामिल हैं. तालिबान के सीनियर पुलिस अफसर मुल्ला अब्दुल गनी हकबीन ने बताया कि इस सिलसिले में 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

तालिबान कमांडर कर रहे स्मगलिंग में मदद
तालिबानी कमांडर ने दावा किया कि वह अफगानिस्तान में निजी लोगों को हाथ में पहुंच चुके हथियारों को सरकारी खजाने में पहुंचाने की भरसक कोशिश कर रहा है. जिससे देश में कानून-व्यवस्था बनी रहे और गलत कामों में इनका इस्तेमाल न हो. मुल्ला अब्दुल गनी ने इस बात से इनकार कर दिया कि पाकिस्तान को हथियार पहुंचाने के मामले में तालिबान कमांडरों का कोई हाथ है. उन्होंने कहा कि ये हथियार अफगानिस्तान की संपत्ति हैं और इन्हें किसी भी सूरत में देश से बाहर नहीं ले जाने दिया जाएगा.

 

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