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..कब मिलेगी गर्मी से निजात?

लू चलेगी.:सोमवार को देश के 17 स्थानों पर तापमान 48 डिग्री सेल्सियस के भी पार रहा. इससे पहले रविवार को देश के 37 शहरों का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से अधिक दर्ज किया गया. राजस्थान का फलोदी 49.4 डिग्री सेल्सियस के साथ देश का सबसे गर्म स्थान रहा. राजस्थान में कम से कम आठ और स्थानों पर तापमान 48 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहा. वहीं हरियाणा के सिरसा में पारा 48.4 डिग्री, दिल्ली के मुंगेशपुर में 48.8 डिग्री, पंजाब के बठिंडा में 48.4 डिग्री, उत्तर प्रदेश के झांसी में 48.1 डिग्री और मध्य प्रदेश के निवाड़ी में 48.7 डिग्री तक पहुंच गया. यहां तक कि हिमाचल प्रदेश की पहाड़ियों में भी गर्मी का सामना करना पड़ा है. ऊना में अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि मंडी में अधिकतम तापमान 39.4 डिग्री दर्ज किया गया.
जून में चलेगी लू
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को पूर्वानुमान लगाते हुए कहा कि जून में देश के अधिकांश राज्यों में लू चलेगी.आईएमडी ने कहा, “दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत के कई हिस्सों को छोड़कर जून में देश के अधिकांश हिस्सों में मासिक अधिकतम तापमान सामान्य से ऊपर रहने की संभावना है.” आईएमडी के पूर्वानुमान में कहा गया है कि अगले महीने के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों और मध्य भारत के आसपास के इलाकों में सामान्य से ऊपर गर्मी रहने की संभावना है. बीकानेर में रेलवे क्रॉसिंग के पास प्रशासन ने लोगों को चिलचिलाती गर्मी से बचने के लिए टेंट लगवा दिया. इसी तरह लखनऊ में एक चौराहे पर रेड लाइट के पास टेंट लगाया गया है.

इन क्षेत्रों को मिलेगी राहत
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि पश्चिमी विक्षोभ और अरब सागर से नमी आने के कारण तीन दिनों के बाद चिलचिलाती गर्मी से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि पश्चिमी विक्षोभ और अरब सागर से नमी आने के कारण देश के उत्तर पश्चिम और मध्य भागों में गरज के साथ वर्षा होने और पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में बारिश होने की संभावना है, जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिल सकती है.
गर्मी से जल और बिजली संकट
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार भारत के 150 प्रमुख जलाशयों में पानी का भंडारण पिछले सप्ताह उनके कुल भंडारण का केवल 24 प्रतिशत रह गया, जिससे कई राज्यों में पानी की कमी बढ़ गई और जलविद्युत उत्पादन पर काफी असर पड़ा. भीषण गर्मी ने पहले ही भारत की बिजली की मांग को 239.96 गीगावाट तक पहुंचा दिया है, जो इस सीजन में अब तक की सबसे अधिक है. घरों और कार्यालयों में एयर कंडीशनर और कूलर पूरी क्षमता से चल रहे हैं. विशेषज्ञों का अनुमान है कि आने वाले दिनों में कोई राहत मिलने की उम्मीद नहीं है तथा बिजली की मांग और भी बढ़ सकती है.

 

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