भारत के खिलाफ क्या है पाक का नया प्लान?(खिलाफ)

नई दिल्ली: पाकिस्तान की प्रमुख खुफिया एजेंसी आईएसआई के एक टॉप अधिकारी ने नाम न जाहिर होने देने की शर्त पर खुलासा किया है कि उनके देश यानी पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ (खिलाफ) एक नई रणनीति बनाई है. उन्होंने कहा कि इसे ‘टीज इंडिया ग्लोबली’ नाम दिया गया है. आईएसआई अधिकारी ने कहा, ‘ब्लीड इंडिया से लेकर डिफेम इंडिया पाकिस्तान का नया एजेंडा है और हम सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत को बेनकाब करेंगे.’ बता दें कि ब्लीड इंडिया एक पाक सैन्य रणनीति है, जिसका पालन पाकिस्तानी सेना भारत के खिलाफ करती रही है.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने खुलासा किया कि करतारपुर कॉरिडोर से पाकिस्तान को फायदा हो रहा और खालिस्तान आंदोलन अब जोर पकड़ रहा है. अधिकारी ने दावा किया कि पाकिस्तान की योजना सफलतापूर्वक आगे बढ़ रही है और खुफिया एजेंसी आईएसआई खालिस्तानी समर्थकों की मदद से भारत में फिर से अपनी पकड़ बना रही है.
उन्होंने कहा, ‘महज कुछ पैसों की खातिर खालिस्तानी समर्थक भारत की सीक्रेट जानकारी मुहैया करा रहे हैं और हम उसी के अनुसार निशाना बना रहे हैं.’ उन्होंने आगे कहा, ‘दुर्भाग्य से राजनीतिक अनिश्चितता और वित्तीय संकट के कारण हमारे ऑपरेशन सीमित हैं, मगर आईएसआई के पास पश्चिम एशिया, तुर्की, नेपाल और कनाडा में वैकल्पिक संसाधन हैं. आईएसआई का दुनिया में कुछ शरारती तत्वों के साथ सिंडिकेट है- वे पाकिस्तान का समर्थन कर रहे हैं और बदले में आईएसआई उन्हें फर्जी आईडी, फर्जी पासपोर्ट और दुनिया में आतंकी वित्तपोषण की सुविधा दे रही है.
अन्य सैन्य सोर्स के मुताबिक, पाकिस्तान ने भारत से लड़ने और बदला लेने के लिए खालिस्तान मूवमेंट पर ध्यान केंद्रित किया है और उसे बढ़ावा दिया है. अधिकारी ने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर और करतारपुर में नए गुरुद्वारे की स्थापना के बाद पाकिस्तान ने सिखों, विशेषकर खालसा सेनानियों का दिल और समर्थन जीता है. पाकिस्तानी सैन्य सूत्र ने दावा किया कि पाकिस्तान खालिस्तानी लड़ाकों को उसी तरह आतंकवादी ट्रेनिंग दे रहा है, जैसे उन्होंने कश्मीरी जिहादियों को ट्रेंड किया था.
दरअसल, हाल के दिनों में पाकिस्तान ड्रोन के जरिए भारत में ड्रग्स की तस्करी में शामिल रहा है. इन्हें पाकिस्तान के पंजाब प्रांत से लॉन्च किया जाता है और भारत के पंजाब में भेजा जाता है. सूत्रों ने कहा कि भारत के ड्रग्स डीलर खालिस्तान आंदोलन के सदस्य हैं, जो करतारपुर कॉरिडोर के माध्यम से जुड़े हुए हैं. इतना ही नहीं, पाकिस्तान ने कई देशों में वीजा ऑन अराइवल की पेशकश की है और जैसा कि पाकिस्तान के आव्रजन और पासपोर्ट महानिदेशालय के आंकड़ों से पता चलता है अधिकांश एंट्री कनाडा, थाईलैंड, यूनाइटेड किंगडम, यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका के सिख समुदाय के सदस्यों द्वारा अवेल की जाती हैं.