अंतराष्ट्रीय

राष्ट्रपति हुए तो क्या हुआ(राष्ट्रपति)

वाशिंगटन एक संघीय अपील अदालत ने मंगलवार को कहा कि डोनाल्ड ट्रंप को उनके राष्ट्रपति  (राष्ट्रपति) पद के दौरान किए गए कथित अपराधों के लिए मुकदमे से छूट नहीं मिल सकती है. कोर्ट ने ट्रंप के तर्कों को सिरे से खारिज कर दिया कि उन पर संघीय चुनाव में गड़बड़ी के आरोपों को लेकर केस नहीं चलाया जाना चाहिए. बता दें डोनाल्ड ट्रंप पर 2020 के चुनाव के परिणामों को पलटने की साजिश रचने के आरोप हैं.

57 पन्नों की एक सर्वसम्मत फैसले में, तीन डीसी सर्किट जजों के पैनल ने लिखा कि पूर्व राष्ट्रपति को पद पर रहते हुए किए गए कामों के लिए आरोपों का सामना करना होगा. गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव 2024 के लिए रिपब्लिकन उम्मीदवारी की दौड़ में शामिल ट्रंप के लिए यह फैसला बड़ा सिरदर्द बन सकता है.

ट्रंप के तर्कों को किया अदालत ने किया खारिज
जजों ने अपनी राय में राष्ट्रपति पद को मिली व्यापक कानूनी सुरक्षा के ट्रंप के सभी तर्कों को खारिज कर दिया. वे स्पष्ट थे कि ट्रंप के खिलाफ आरोप गंभीर हैं और उनका मानना था कि उन पर मुकदमा चलाया जा सकता है.

पैनल ने 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के बाद ट्रंप के कथित व्यवहार को बार-बार गैर-राष्ट्रपति और अमेरिकी संस्थानों पर हमला बताया.
जजों के पैनल ने और क्या कहा?
पैनल का मानना है कि ट्रंप अपनी सत्ता का इस्तेमाल ‘राष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यकाल को अवैध रूप से बढ़ाने और अपने विधिवत निर्वाचित उत्तराधिकारी को विस्थापित करने’ के लिए कर रहे थे, जो कि ‘आम तौर पर लागू आपराधिक कानूनों’ का उल्लंघन होगा.

जजों के पैनल ने लिखा, ‘2020 का चुनाव हारने के बावजूद सत्ता में बने रहने के पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प की कथित कोशिश, अगर साबित होती हैं, तो इसे हमारी सरकार की संरचना पर एक अभूतपूर्व हमला माना जाएगा.’

हालांकि पूर्व राष्ट्रपति की पास अब भी अतिरिक्त अपील का अवसर खुला है. वह अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच सकते हैं.

 

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