सूर्यग्रहण क्या होता है, यह कैसा दिखता है ?
मंगलवार यानी दिवाली के अगले दिन साल का आखिरी सूर्यग्रहण दिखने वाला है। दिवाली और गोवर्धन पूजा के बीच सूर्य ग्रहण का ऐसा संयोग कई वर्षो बाद पड़ रहा है। यही कारण है कि यह चर्चा का विषय बना हुआ है। कुछ लोग सोच रहे हैं कि आखिर सूर्य ग्रहण होता क्या है जिसकी वजह से लोगों की जिन्दगी में इतना प्रभाव पड़ता है? कुछ के मन में यह प्रश्न उठ रहा है कि अगस्त महीने में ही तो सूर्यग्रहण गया था, फिर दोबारा क्यों? आपके इन्हीं सवालों के जवाब देने के लिए हॉलीवुड में सूर्यग्रहण पर कई फिल्में बनी हैं। बरअब्बा पर आधारित धार्मिक महाकाव्य फिल्म में 15 फरवरी, 1961 में लगे सूर्यग्रहण का असली दृश्य दिखाया गया है। दरसअल, फिल्म में एक दृश्य दिखाया गया है जिसमें एक शख्स सूली पर चढ़ता है। इस दृश्य के दौरान आपको 41 साल पहले लगे सूर्य ग्रहण की झलक देखने को मिलेगी।
ब्लडी बर्थडे
अमेरिकी स्लेशर फिल्म की शुरुआत में दिखाया गया है कि सूर्य ग्रहण के दौरान तीन बच्चों का जन्म होता है। जैसे-जैसे फिल्म आगे बढ़ती है वैसे-वैसे यह तथ्य पता चलता है कि सूर्यग्रहण के दौरान जन्म लेने की वजह से उन तीनों बच्चों का व्यक्तित्व हिंसक हो जाता है।
एक्लिप्स
इस कैनेडियन ड्रामा फिल्म में एक बच्चे की कहानी दिखाई गई है जो आगामी सूर्य ग्रहण के ऊपर डॉक्युमेंट्री बनाने की तैयारी करता है।
द एक्लिप्स, और द कोर्टशिप ऑफ द सन एंड मून , इस अमेरिकी मूक फिल्म में एक प्रोफेसर अपने स्टूडेंट्स को ग्रहण के बारे में हर वो बात बताता है जिसके बारे में हमें जानना चाहिए।