लाइफस्टाइल

इरीटेबल बाउल सिंड्रोम से निपटने के उपाय(इरीटेबल )

नई दिल्ली: इरीटेबल बाउल सिंड्रोम, जिसे IBS के नाम से भी जाना जाता है। ये एक ऐसी समस्या है जो आपके पेट और आंतों को प्रभावित कर सकती हैं। लगातार होने वाला पेट दर्द, ब्लोटिंग, ऐंठन इसके कुछ आम लक्षण हैं, लेकिन ज्यादातर लोग इन लक्षणों को खानपान से होने वाली गड़बड़ी समझकर इग्नोर कर देते हैं। पेट से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या आपके पूरे लाइफस्टाइल को डिस्टर्ब कर सकती है। वैसे इरीटेबल  (इरीटेबल ) बाउल सिंड्रोम के पीछे फूड एलर्जी, हेल्दी गट बैक्टीरिया का न बन पाना और अनहेल्दी फूड हैबिट्स भी जिम्मेदार हो सकते हैं। लंबे समय से अगर आप इसके लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं, तो बिना ज्यादा देर किए डॉक्टर से कंसल्ट करें।

वैसे इरीटेबल बाउल सिंड्रोम से निपटने के लिए किसी तरह का कोई खास ट्रीटमेंट उपलब्ध नहीं है, लेकिन खानपान और लाइफस्टाइल में कुछ जरूरी बदलाव करके काफी हद तक इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है। IBS की प्रॉब्लम होने पर मरीज को या तो डायरिया या फिर कब्ज की प्रॉब्लम बनी रहती है। वैसे कई केसेज में मरीजों में दोनों समस्याएं भी देखने को मिल सकती हैं। पुरुषों के मुकाबले महिलाएं इसका ज्यादा शिकार होती हैं।

इन चीज़ों से दूर कर सकते हैं ये समस्या
खानपान में बदलाव
खानपान की उन चीज़ों को पहचानने की कोशिश करें जिन्हें खाते ही पेट दर्द, ऐंठन और ब्लोटिंग की समस्या होने लगती है। कुछ खास तरह के कार्बोहाइड्रेट, कैफीन, एल्कोहल, मसालेदार भोजन इन लक्षणों को ट्रिगर कर सकते हैं। इनसे बचने के लिए फाइबर रिच फूड्स को डाइट में शामिल करें। जंक, प्रोसेस्ड और ऑयली फूड्स को डाइट से आउट कर दें।

स्ट्रेस न लें
जी हां, स्ट्रेस लेने से भी ये परेशानी बढ़ जाती है। स्ट्रेस कंट्रोल करने के लिए ध्यान, योग का सहारा लें। वैसे रोजाना एक्सरसाइज करने से शरीर और दिमाग दोनों फिट रहते हं।
दवाइयां लें
डॉक्टर ने अगर इस समस्या को देखने के बाद किसी तरह की दवाई या लैक्सेटिव लेने की सलाह दी है, तो उसे नियमित तौर पर लें। क्योंकि डायरिया या कब्ज दोनों ही ऐसी समस्याएं हैं, जो शरीर को बुरी तरह से प्रभावित कर सकती हैं।

प्रोबायोटिक्स का सेवन
प्रोबायोटिक्स हेल्दी बैक्टीरिया को बढा़ने के काम करते हैं, जिससे पाचन से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं।
एक्सरसाइज करें
एक्सरसाइज की मदद से भी इस समस्या से बिना दवाइयों के निपटा जा सकता है। रोजाना कम से कम 30 मिनट का समय एक्ससाइज के लिए निकालें और हफ्ते में पांच दिन जरूर एक्सरसाइज करें। फर्क आपको नजर आएगा।

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