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सिंधु जल संधि रद्द होने से पाकिस्तान में जलसंकट, बांधों में पानी घटा

इस्लामाबाद -: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ हुई सिंधु जल संधि को रद्द कर दिया था। अब इसका असर दिखाई देने लगा है। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में पानी की कमी की खबरें सामने आ रही हैं।पाकिस्तानी आंकड़ों के मुताबिक, इस हफ्ते पाकिस्तान के सिंधु बेसिन में बांधों से छोड़े जा रहे जल प्रवाह में लगभग 15 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। ये पिछले साल इसी अवधि की तुलना में काफी कम है। रिपोर्ट के मुताबिक, 5 जून को पंजाब प्रांत में बांधों से छोड़े जाने वाली पानी का स्तर गिर कर 1.24 लाख क्यूसेक पहुंच गया है।

  • 5 जून, 2024 को 1.44 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था।तरबेला बांध का जलस्तर 1,465 मीटर पहुंच चुका है। इसका आखिरी स्तर 1,402 मीटर है।
  • चश्मा बांध का जलस्तर 644 मीटर पर है, जबकि इसका आखिरी स्तर 638 मीटर है।
  • मंगला बांध का आखिरी जलस्तर 1,050 मीटर है। इसमें 1,163 मीटर तक पानी है।
  • पाकिस्तानी अधिकारियों के अनुसार, यह संकट खरीफ सीजन की शुरुआत में ही 21 प्रतिशत जल की कमी को दर्शाता है।
  • सियालकोट के मारला में 5 जून को चिनाब नदी का औसत जल प्रवाह केवल 3,064 क्यूसेक रह गया है, जबकि 28 मई को यह 26,645 क्यूसेक था।
  • सूत्रों ने एक शीर्ष सरकारी सूत्र के हवाले से बताया कि जून से सितंबर तक की खरीफ फसल के लिए स्थिति गंभीर है।
  • सिंधु जल संधि बहाल करने के लिए पाकिस्तान ने भारत को 4 बार पत्र लिखे हैं। इनमें से 3 पत्र ऑपरेशन सिंदूर के बाद लिखे गए थे।
  • पाकिस्तान के जल संसाधन सचिव सैयद अली मुर्तजा ने अप्रैल में एक पत्र भेजा था। इसमें मुर्तजा ने संधि के उन विशिष्ट प्रावधानों पर चर्चा करने की पेशकश की थी, जिन पर भारत को आपत्ति है।
  • भारत ने अभी तक बातचीत की कोई इच्छा नहीं जताई है।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते।
  • एक अन्य बयान में उन्होंने कहा था कि अब भारत का पानी भारत में ही बहेगा।
  • भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था, सुरक्षा मामलों की केंद्रीय कैबिनेट और सरकार पूरी तरह स्पष्ट है कि सिंधु जल संधि स्थगित है और तब तक स्थगित रहेगी, जब तक पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद को विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से नहीं रोका जाता।

विश्व बैंक की मध्यस्थता से 1960 में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और तत्कालीन पाकिस्तानी राष्ट्रपति अयूब खान के बीच सिंधु जल संधि हुई थी। इसके तहत सिंधु घाटी में बहने वाली 3 पूर्वी नदियों (रवि, सतलज, व्यास) पर भारत का, जबकि 3 पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम, चिनाब) पर पाकिस्तान का अधिकार है।नदियां भारत से होकर बहती हैं, इसलिए पश्चिमी नदियों के 20 प्रतिशत पानी पर भारत का अधिकार है, वो सिंचाई समेत अन्य परियोजनाओं में इसका उपयोग करता है।

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