20 सेंटीमीटर की दर से नीचे जा रहा वाटर लेवल

जौनपुर । (water level) पक्की सड़कें, फुटपाथ, चबूतरे, इमारतें और कंक्रीट से बनाए जाने वाले इंफ्रास्ट्रक्चर के चलते जमीन के छेद बंद होते जा रहे हैं। इसके चलते पानी धरती में सोख नहीं पाता। जल संचयन को लेकर सभी को आगे आना होगा। उन्होंने रेन वाटर (water level) हार्वेस्टिंग सिस्टम के बारे में बताते हुए कहा कि बचत के लिए इससे अच्छा सिस्टम नहीं है।
भूगर्भ जल विभाग ने साल 2013 से 2022 तक की रिपोर्ट सौंपी है। रिपोर्ट से यह बात सामने आई है कि ज्यादातर जगहों पर अंडर ग्राउंड वाटर लेवल में गिरावट आई है। जौनपुर के बदलापुर और महाराजगंज में क्रिटिकल डार्क जोन की स्थिति है। महाराजगंज में साल 2012 में 7.57 मीटर औसत भूजल स्तर था तो वहीं साल 2022 में 3.89 मीटर भूजल स्तर है।
इससे पहले लगभग 30% पानी जमीन के अंदर जाता था। वहीं दूसरी तरफ हैंडपंप, सबमर्सिबल से बड़ी तादाद में पानी का दोहन भी हो रहा है।रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के माध्यम से जमीन के अंदर पानी चला जाता है, जिससे अंडर ग्राउंड वाटर लेवल बना रहता है। उन्होंने बताया कि लगभग 250 सरकारी भवन में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनवाया गया है।