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गंगा व रामगंगा का पानी दर्जनों गांवों में घुसा, फसलें जल मग्न

फर्रुखाबाद। उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में गंगा नदी में आई बाढ़ से मंगलवार को दर्जनों ग्रामों में बाढ़ का पानी भर गया है। गंगा और रामगंगा के उफनाने से खेतों में खड़ी फसल मटिया मेट हो गई है। कई गांवों का संपर्क मार्ग टूट जाने से आवागमन बंद हो गया है। ग्रामीण एकाएक उपलाई नदियों को लेकर परेशान हैं। मौजूदा समय में गंगा नदी का जल स्तर चेतावनी बिंदु से 40 सेंटीमीटर ऊपर खतरे के निशान के समीप बह रहा है। अब गंगा नदी 10 सेंटीमीटर खतरे के निशान से नीचे रह गई है। मौजूदा समय में गंगा का पानी 137 मीटर पर पहुंच गया है। जबकि 137.10 मीटर पर गंगा खतरे के निशान पर पहुंच जाएगी। राम गंगा का जलस्तर बढ़कर 134.80 मीटर जा पहुंचा है। नरौरा बांध से गंगा नदी में 147569 हरिद्वार से 76884 बिजनौर से 69660 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जबकि रामगंगा में हरेली, खो और रामनगर बैराज से 10193 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। गंगा नदी में आई बाढ़ से तटीय इलाकों के लोगों में खलबली मच गई है ।तराई में 2 दर्जन से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। हजारों बीघा तैयार खड़ी धान, उर्द, मूंग ,मक्का की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है ।गांव बरुआ के रहने वाले चंद्रपाल सोमवंशी योगेंद्र सिंह आदि बताते हैं की यहां के भुडिया बेटा, सबलपुर तथा भरखा पट्टी सहित दर्जनों गांव में गंगा का पानी घुस गया है । गांव बाढ़ के पानी से जलमग्न हो गए है। हालात यह हैं कि लोगों को घरों से निकलना मुश्किल हो रहा है। उनका कहना है कि एकाएक आई बाढ़ से घरों में तमाम तरह के जहरीले कीट प्रवेश कर रहे हैं। सुरेश सिंह का कहना है कि जिला प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं दी गई है। और ना ही कोई अभी तक बाढ़ पीड़ितों की सुध लेने आया आया है। गंगा और रामगंगा के उफना जाने से क्षेत्र में तबाही मची हुई है। दर्जनों गांव का आवागमन बंद हो गया है। जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। अपर जिलाधिकारी भानु प्रताप का कहना है कि बाढ़ पीड़ितों की सहायता के समुचित प्रयास किए जा रहे हैं ।और शीघ्र ही उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी भी गंगा के किनारे जो गांव बसे हुए हंह उन में रहने वाले लोग सुरक्षित स्थान पर पहुंच जाएं। क्योंकि दोनों नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।

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