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मजदूरी छूटे या पढ़ाई, पानी औरत को ही लाना है – रूबी सरकार

भोपाल – भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में पीने और अन्य कार्यों के लिए पानी जुटाने का जिम्मा घर की महिला सदस्यों पर है, जबकि उसका इस्तेमाल पुरुष भी करते हैं. पानी चाहे जितनी दूर से लाना पड़े, 7 महीने की गर्भवती, हो या बीमार महिला, चाहे किशोरियों की स्कूल छूट जाए फिर भी सिर पर घड़ा रखकर या साइकिल पर 15-15 लीटर के प्लास्टिक के डिब्बे में पानी ढोने का ज़िम्मा उन्हीं के कंधे पर है. पुरुषवादी सोच का यही नजरिया है कि पीने और निस्तार का पानी लाना औरतों का काम है और सिंचाई के लिए पानी का इंतजाम पुरुषों के जिम्मे है. मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से करीब 140 किलोमीटर दूर देवास जिले की टॉक खुर्द विकासखंड अंतर्गत गांव पिपलिया की सविता परिहार बताती है कि उसकी बहन सविता परिहार पढ़ने में बहुत तेज थी, लेकिन हर रोज दो किमी घाटी का सफर तय कर उसे रसोई के लिए हैंडपंप से पानी लाना पड़ता था, इससे उसकी स्कूल प्रायः छूट जाया करती थी. इस तरह कविता बस आठवीं तक ही पढ़ पाई. पानी की वजह से उसकी पढ़ाई छूट गई, जबकि उसका भाई घर पर बैठा रहता था, लेकिन उसे कभी किसी ने पानी लाने के लिए नहीं कहा. कविता की 16 वर्ष की उम्र में शादी कर दी गई. इसके बाद उसकी छोटी बहन सविता यही काम करने लगती है. इस गांव में करीब 300 परिवार है और सभी की यही कहानी है.

देवास से कुछ ही दूरी पर सोनकक्ष विकासखंड है. यहां बुदलाई गांव की महिलाएं तीन किमी दूर हैंडपंप से इसी प्रकार रसोई के लिए पानी लाती हैं. गांव की किरण मालवीय कहती हैं कि कभी-कभी तो छोटे बच्चे को घर पर ताले में बंद करके पानी लेने जाना पड़ता है. हैंडपंप पर अगर बड़ी लाइन लगी हो तो रुकना भी पड़ता है. इस तरह दिन में चार-पांच घंटा पानी ढोने में चला जाता है. बाकी घर का सारा काम तो महिला को ही करना है. समय पर मर्द को खाना न मिले, तो वह पहाड़ सर पर उठा लेता है, तुरंत झगड़ा शुरू हो जाता है. किरण कहती है कि उसका सातवां महीना चल रहा था, परंतु क्या मजाल की पति रसोई के लिए पानी लाएं. कहते है लोग देखेंगे तो जोरू का गुलाम कह कर ताना मरेंगे. इससे उसका अपमान होगा. समाज में उसकी नाक कट जाएगी.

राधाबाई पटेल मध्य प्रदेश के खंडवा जिले की पजरिया गांव की हैं. वह कहती हैं कि हमारे गांव की किशोरियां और औरतें बैलगाड़ी से पानी लाती हैं. 12-12 साल की लड़कियां यही करती हैं. आपको स्कूल यूनिफॉर्म में पानी लाते लड़कियां सड़कों पर आसानी से दिख जाएगी. हैंडपंप, कुआं जहां पा%LS

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