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पाकिस्तान (पाकिस्तान)पर टूटेगा व्लादिमीर पुतिन का कहर?

मॉस्को. पाकिस्तान (पाकिस्तान) द्वारा रूस के खिलाफ युद्ध में यूक्रेन को हथियार मुहैया कराने की खबरों के बीच भारत में रूसी राजदूत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि मॉस्को इन खबरों पर करीब से नजर रख रहा है. भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने कहा कि मॉस्को इन रिपोर्टों को बहुत गंभीरता से ले रहा है क्योंकि ये जमीनी स्थिति को प्रभावित करती हैं और रूस विरोधी गतिविधियां हैं.

अलीपोव ने कहा, “ऐसी रिपोर्ट और सूचनाएं आई हैं, हम इस जानकारी को बहुत गंभीरता से लेते हैं. यदि ऐसे खबरों की पुष्टि हो जाती है, तो यह एक बहुत ही स्पष्ट रूस विरोधी कार्रवाई है जिसे हम नजरअंदाज नहीं कर सकते. और जैसा कि मैंने कहा, हमने समाचारों और और रिपोर्टें को बहुत करीब से देखा है एवं उन्हें बहुत गंभीरता से लेते हैं क्योंकि वे जमीनी हालात पर सीधा असर डालते हैं.”

गौरतलब है कि जहां भारत के रूस के साथ घनिष्ठ संबंध हैं, वहीं पाकिस्तान कथित तौर पर उन्नत हथियार हासिल करने के लिए रूस के बेहतर रिश्ते बनाने की कोशिश कर रहा है. रूस और भारत ने चीन एवं पाकिस्तान से खतरों का मुकाबला करने के लिए नई दिल्ली को एस-400 सहित हथियार आपूर्ति के लिए कई सौदे भी किए हैं.

विमान, क्रूज़ और बैलिस्टिक मिसाइलों को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन की गई मिसाइल प्रणाली एस-400 एंटी-एयरक्राफ्ट वेरिएंट की डिलीवरी के सवाल का जवाब देते हुए, डेनिस अलीपोव ने कहा, “जहां तक एस-400 की डिलीवरी का सवाल है, वे जारी हैं और उन आपूर्तियों में शामिल रूसी कंपनियों के प्रमुखों ने पुष्टि की है कि आपूर्ति समय पर और हमारे भारतीय भागीदारों के साथ पारस्परिक रूप से मंजूर कार्यक्रम के अनुसार पूरी हो जाएगी. हम अगले साल के अंत तक डिलीवरी पूरी करने के बारे में बात कर रहे हैं.”

अलीपोव ने कहा कि रूस-भारत संबंध नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं और लगातार सुचारू रूप से आगे बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा, “जैसा कि आंकड़े कहते हैं, हम अपने देशों (भारत-रूस) के बीच आर्थिक विकास से बहुत संतुष्ट हैं. व्यापार बढ़ रहा है… हम अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग कर रहे हैं, हम अर्थव्यवस्था, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विभिन्न उन्नत क्षेत्रों में बातचीत बनाए हुए हैं. परमाणु ऊर्जा में सहयोग बहुत सफल रहा है, हम एकमात्र देश हैं जो व्यावहारिक रूप से परमाणु ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग के इस क्षेत्र में भारत के साथ सहयोग करते हैं…”

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