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दरगाह (dargah)के ‘अवैध’ होने का नोटिस देने पर हिंसक बवाल

जूनागढ़. गुजरात के जूनागढ़ जिले में कथित अवैध हजरत रोशन शाह पीर बाबा दरगाह (dargah) को गिराने के नोटिस को लेकर हुई हिंसक झड़पमें एक शख्स की मौत हो गई और एक डीएसपी सहित चार पुलिसकर्मी घायल हो गए. एक वायरल वीडियो में कम से कम 300 लोगों की एक उग्र भीड़ को पुलिस अधिकारियों पर पत्थरबाजी करते हुए देखा गया है. लोकल मीडिया की रिपोर्टों में कहा गया है कि एक पुलिस चौकी में भी तोड़फोड़ की गई और पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी गई. जिसके बाद पुलिस अधिकारियों को आंसू गैस के गोले दागने पड़े.
जूनागढ़ में ये हिंसक घटना शुक्रवार शाम को उस समय हुई जब जूनागढ़ नगर निगम के अधिकारी मजेवाड़ी गेट के सामने दरगाह के बाहर नोटिस लगाने पहुंचे. यह कहते हुए कि दरगाह को ‘अवैध रूप से’ बनाया गया था, नगर निगम ने इसके सबूत पेश करने के लिए पांच दिनों की समय सीमा दी थी कि दरगाह को कानूनी तरीके से बनाया गया था. इसके बाद इसे ध्वस्त कर दिया जाएगा. इससे कुछ लोग भड़क गए. जिन्होंने बाद में हंगामा किया. रात 9 बजे दरगाह के पास भीड़ जमा हो गई और अधिकारियों पर पथराव किया. हालात बिगड़ने पर स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारियों को इलाके में भेजा गया.
बताया गया कि भीड़ ने इलाके से गुजरने वाली राज्य परिवहन की बसों और अन्य गाड़ियों में तोड़फोड़ की. उन्होंने सड़क पर मोटरसाइकिलों को आग के हवाले कर दिया. बसों में सवार कुछ लोगों के घायल होने की खबर है. ‘सोडा की बोतलों’ का इस्तेमाल कर बाइकों में आग लगा दी गई. पुलिस ने हिंसा के सिलसिले में 174 लोगों को हिरासत में लिया है. जूनागढ़ के एसपी रवि तेजा वासमसेट्टी ने बताया कि रात करीब 10.15 बजे पथराव किया गया और लोग पुलिस पर हमला करने के लिए आ गए. करीब 500-600 लोग वहां जमा हुए थे. पुलिस उन्हें सड़क जाम नहीं करने के लिए समझा रही थी.
वासमसेट्टी ने कहा कि ‘भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. इस घटना में कई पुलिस कर्मी घायल हो गए. इस मामले में 174 लोगों को हिरासत में लिया गया है. पथराव से एक नागरिक की मौत हुई है लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद यह साफ हो पाएगा. आगे की जांच चल रही है.’

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