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उत्तराखंड पंचायत चुनाव: कांग्रेस ने बनाई तीन-चरणीय रणनीति, सरकार पर निष्पक्षता को लेकर उठाए सवाल

उत्तराखंड में पंचायत चुनावों की अधिसूचना जारी होने के साथ ही राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। शनिवार को देहरादून स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने पंचायत चुनावों को लेकर रणनीति तय करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने की, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
सरकार की मंशा पर सवाल
बैठक के बाद प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पंचायत चुनाव दो चरणों में कराने का निर्णय चुनाव की पारदर्शिता को प्रभावित करने वाला है। उन्होंने कहा कि:
12 जिलों में एकसाथ चुनाव न कराना, रोस्टर को शून्य करना और आरक्षण में छेड़छाड़ करना यह दर्शाता है कि सरकार निष्पक्ष चुनाव नहीं चाहती।
तीन चरणों में कांग्रेस की रणनीति
बैठक में कांग्रेस ने पंचायत चुनावों को लेकर तीन-चरणीय रणनीति तैयार की है:
1. ग्रामसभा और बीडीसी सदस्यों की स्थिति का मूल्यांकन।
2. जिला स्तरीय समन्वय और चुनावी गतिविधियों पर निगरानी।
3. राज्य स्तर से फीडबैक लेकर ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष के प्रत्याशियों का चयन।
आरक्षण प्रणाली पर असहमति
बैठक में यह भी चर्चा हुई कि नई आरक्षण रोटेशन प्रणाली से SC, ST, OBC और महिलाओं के अधिकार प्रभावित हो सकते हैं। कांग्रेस नेताओं ने इसे नियमों के खिलाफ बताया और 24 जून को कोर्ट से आने वाले फैसले की प्रतीक्षा की बात कही।
बीजेपी पर कांग्रेस का हमला
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि कांग्रेस पूरी ताकत से चुनाव लड़ेगी और जनता के मुद्दों को केंद्र में रखते हुए बीजेपी की “साजिशों” को उजागर करेगी। उन्होंने कहा कि पार्टी संगठनात्मक स्तर पर चुनाव की तैयारियों में जुट चुकी है और यह बैठक उसी का संकेत है।

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