उत्तर प्रदेश बजट 2025-26: राजस्व संग्रह के महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित !
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लखनऊ -: ( गंगेश पाठक ) -: उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में राजकोषीय सेवाओं से राजस्व संग्रह के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किए हैं। सरकार ने राज्य वस्तु एवं सेवा कर (GST) और मूल्य संवर्धित कर से 1,30,425 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रह लक्ष्य रखा है, जिससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
आबकारी विभाग के माध्यम से राजस्व बढ़ाने के लिए सरकार ने 63,000 करोड़ रुपये के संग्रह का लक्ष्य तय किया है, जबकि स्टाम्प एवं पंजीकरण के जरिए 38,150 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा गया है। परिवहन क्षेत्र से राजस्व प्राप्ति को भी प्राथमिकता दी गई है, जिसके तहत वाहन कर से 14,000 करोड़ रुपये राजस्व संग्रह का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। ये वित्तीय लक्ष्य प्रदेश के बुनियादी ढांचे, कल्याणकारी योजनाओं और आर्थिक सुधारों के लिए आवश्यक संसाधन जुटाने में सहायक होंगे।
उत्तर प्रदेश सरकार का बजट घाटा उन्नीस हजार नौ सौ तिरानबे करोड़ रुपये अनुमानित राजकोषीय घाटा राज्य जीडीपी का दो दशमलव नौ सात प्रतिशत
उत्तर प्रदेश सरकार के वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट अनुमानों के अनुसार समेकित निधि की प्राप्तियों से कुल व्यय घटाने के पश्चात उनतीस हजार चार सौ तिरानबे करोड़ इकतालीस लाख रुपये का घाटा अनुमानित है लोक लेखे से नौ हजार पांच सौ करोड़ रुपये की शुद्ध प्राप्तियां संभावित हैं
समस्त लेन-देन का शुद्ध परिणाम उन्नीस हजार नौ सौ तिरानबे करोड़ इकतालीस लाख रुपये ऋणात्मक रहने का अनुमान है जबकि प्रारंभिक शेष बीस हजार दो सौ चालीस करोड़ इक्यासी लाख रुपये को ध्यान में रखते हुए अंतिम शेष दो सौ सैंतालीस करोड़ चालीस लाख रुपये आंका गया है राजस्व बचत उनहत्तर हजार पांच सौ सोलह करोड़ छत्तीस लाख रुपये रहने की संभावना है जबकि राजकोषीय घाटा इक्यानवे हजार तीन सौ निन्यानवे करोड़ अस्सी लाख रुपये रहने का अनुमान है जो कि वर्ष के लिए अनुमानित सकल राज्य घरेलू उत्पाद का दो दशमलव नौ सात प्रतिशत है
योजनाओं के माध्यम से नियोजन व ग्राम्य विकास को मिलेगी नई गति
वित्त मंत्री ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट अनुमानों पर बोलते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश को गरीबी मुक्त बनाने के लक्ष्य से ‘जीरो पॉवर्टी उत्तर प्रदेश’ अभियान के लिए 250 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। विकास कार्यों को गति देने के लिए त्वरित आर्थिक विकास योजना के अंतर्गत 2400 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। वहीं, पूर्वांचल और बुंदेलखंड के पिछड़े क्षेत्रों में संतुलित विकास के लिए क्रमशः 575 करोड़ और 425 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है।
ग्राम्य विकास को मिलेगा नया आयाम
महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 में 34 करोड़ मानव दिवस के सृजन का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए 5372 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत अब तक 36 लाख से अधिक आवासों का निर्माण हो चुका है और आगामी वित्तीय वर्ष के लिए 4882 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है।
मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) हेतु 1200 करोड़ रुपये और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनी सड़कों के अनुरक्षण के लिए 1088 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। साथ ही, दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के तहत युवाओं को प्रशिक्षित कर नियोजित करने के लिए 427 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।