अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव-18
बाइडेन की सफलता खुद पर कम, ट्रम्प की नाकामी पर ज्यादा निर्भर है
पार्थ शर्मा
वैसे, बाइडेन की इन सकारात्मकताओं को ही नहीं लेना होगा। ट्रम्प के खिलाफ लहर को रोकना आसान नहीं होगाय और बाइडेन का राष्ट्रपति बनना ट्रम्प की नाकामी पर अधिक निर्भर करेगा, बजाय इसके कि बाइडेन उनके विरूद्ध कुछ कर सकें। जहां तक उनके सार्वजनिक संभाषण में हाल के सुधार की बात है तो वह उनके भविष्य सुधरने का ही संकेत है। ट्रम्प को नवम्बर में अपने अवसरों को लेकर सावधान हो जाना चाहिये। ऐसे में जब राष्ट्रपति पद की दौड़ अपनी पूरी रफ्तार पकड़ चुकी है, सभी की आंखें अब आहिस्ता-आहिस्ता दौड़ के अंतिम चक्र- बहस के चरण पर केन्द्रित हो गई हैं, जिसके अंतर्गत डोनाल्ड ट्रम्प और जो बाइडेन राष्ट्रीय टीवी पर चार हफ्तों में तीन बार आमने-सामने होंगे। दुनिया भर की आंखें इनमें से किसी एक पर केंन्द्रित हो गई हैं क्योंकि इन दोनों उम्मीदवारों के बीच की रेखा पर ही अमेरिका का भविष्य होगा। जैसे-जैसे समय बीतता जा रहा है, दोनों के बीच मुकाबला नाटकीय ढंग से और कड़ा होता जा रहा है। 2020 को फतह करने के लिये बाइडेन ने आवश्यक चुनावी बढ़त बनाये रखी है वहीं कई परिस्थितियां ऐसी हैं जिनमें पर्यवेक्षकों का दावा है कि ट्रम्प उस स्थिति के बावजूद जीत के योग्य प्रत्याशी बने हुए हैं। इन उम्मीदवारों की जबर्दस्त बढ़त संकेत करती है कि यह ट्रम्प की 2016 में हिलेरी क्लिंटन पर हासिल की गई जीत की तरह नहीं होगी जिसमें वे पूरी चुनावी प्रक्रिया के दौरान मजबूत प्रत्याशी बने हुए थे।
हाल के वर्षों में ट्रम्प के उलटने की गुंजाइश नाटकीयतापूर्ण ढंग से बढ़ी है क्योंकि बाइडेन की बढ़त केवल पांच फीसदी से बढ़कर दहाई के अंकों में हो गई है। ट्रम्प के चुनावी अंकों में भी बढ़त के साथ ही बाइडेन की टीम मुद्दों में बदलाव के लिये हाथ-पैर मार रही है। इसमें कोई शक नहीं कि अगर ठीक से प्रचारित की जाये तो केलिफोर्निया के जंगलों में आगजनी जैसी घटनाओं समेत कुछ घटनाक्रम बाइडेन के प्रचार को मदद पहुंचा सकते हैं, लेकिन ट्रम्प के खिलाफ जाने वाली अनेक घटनाओं की ही तरह लगता नहीं कि यह चुनाव पर कोई फर्क डालेगा। वैसे हाल ही में इमीग्रेशन कस्टम्स एंड डिटेंशन (आईसीई) केन्द्रों में जबरिया हिस्टेरेक्टॉमिज के बाबत लीक हुई सूचनाओं की संभावना काफी अलग है। विभिन्न सूत्रों के अनुसार आईसीई में रखी गई महिलाओं को समय-समय पर जबर्दस्ती महिला रोग विशेषज्ञों के पास ले जाया जाता रहा जहां पूरी तरह से प्रक्रिया समझाये बगैर पूर्णतरू या आंशिक तौर पर हिस्टेरेक्टॉमिज की जाती रही हैं।
नजीजतन, 15 से अधिक महिलाएं अनावश्यक शल्यक्रिया के चलते बांझपन का शिकार हो गईं जिसके कारण अनेक वकीलों ने एजेंसी के खिलाफ कानूनी मुकदमे दायर कर दिये हैं। आईसीई के खिलाफ मुकदमा दायर करने जा रही वकील सारा ओविंग्स ने बताया कि, हम अभी भी दस्तावेजों की तुलना करने की प्रक्रिया में हैं। मैं यह तो नहीं कहूंगी कि यह कोई एक व्यवस्थित प्रणाली है लेकिन जो लोग यहां आए थे, उनके बयानों के आधार पर इन चिकित्सा उपचारों के बारे में उनकी पूरी समझ के साथ सहमति और पूर्णतरू जानकारी के अभाव के संकेत मिलते हैं। यह आईसीई के द्वारा गलत उपचार का कोई पहला मामला नहीं है- परिवारों के विघटन और रहने की अमानवीय स्थिति से भरपूर मामलों का एजेंसी का विवादास्पद इतिहास रहा है। यह नई सलवट बाइडेन के प्रचार को गति देने में मदद कर सकती है जहां वे ठिठके हुए दिख रहे हैं।
एक बार फिर से इस मुद्दे को अपनी छलांग के रूप में भुनाये जाने की गुंजाइश जो बाइडेन की प्रभावशीलता और उसे सम्प्रेषित करने के इर्द-गिर्द रहेगी- एक ऐसी समस्या जो उनका प्रारम्भ से ही पीछा नहीं छोड़ रही है। ट्रम्प पर कड़ा हमला एक बड़ा काम है- कुछ चुनिंदा घटनाक्रम ही उनकी छवि को वैश्विक रूप से मलिन कर सके हैं। चाहे जितना भी कठिन हो, बाइडेन की जीत की गारंटी के लिये सबसे बढिय़ा चाल उनकी छवि को दागदार बनाना है। चाहे पूर्ववर्ती मुद्दों में ऐसा करने की संभावना रही हो, शायद उनका सर्वश्रेष्ठ लक्ष्य ट्रम्प द्वारा कोरोना संक्रमण से निपटने का तरीका ही है। वायरस उन्मूलन के उनके तरीके की वैश्विक स्तर पर निंदा हुई है और ट्रम्प के चुनावी अंकों को नुकसान पहुंचाने में उसका पर्याप्त योगदान रहा है, फिर भी कई ऐसे लोग बचे हुए हैं जो तर्क देते हैं कि कोई भी महामारी का पूर्वानुमान नहीं लगा सकता था।
वैसे ईमानदारी से कहा जाये तो कोई भी संक्रमण के ऐसे विस्फोट की भविष्यवाणी नहीं कर सकता था, परन्तु हाल ही में पत्रकार बॉब वुडवर्ड द्वारा लीक किये गये आडियो टेप दर्शाते हैं कि फरवरी में ही ट्रम्प उससे कहीं अधिक जानते थे जितना उन्होंने बताया था। 7 फरवरी के लीक हुए एक टेप में ट्रम्प कहते हैं-श्कोरोना संक्रमण बेहद जानलेवा है। आप जानते हैं कि यह पांच प्रति… है, एक फीसदी के मुकाबले यह पांच प्रतिशत है, आप जानते हैं। इसलिये यह जानलेवा है।श् महीनों से जारी महामारी के दौरान ट्रम्प यह दावा करते हुए खतरे को कमतर आंकते रहे हैं कि यह वैसा बड़ा खतरा नहीं है जैसा कि चिकित्सा अधिकारी बतलाते हैं। अक्सर वे इसकी तुलना फ्लू से करते आये हैं। निजी तौर पर दोनों को एकदम अलग स्थिति स्वीकार करने के एक माह बाद उन्होंने सार्वजनिक रूप से दोनों के बीच तुलना की। मार्च के मध्य में उन्होंने कहा-मैं यहां कुछ आंकड़े लाया हूं। हम हर साल हजारों लोगों को खोते हैं पर हम देश को ठप तो नहीं करते।
महामारी को कम आंकने वाले ट्रम्प टेप पर भी यही कहते हैं। अमेरिका भर में फैल चुकी महामारी के बीच 19 मार्च को उन्होंने कहा-मैं इसे कम करके ही बतलाना चाहता था। मैं अब भी इसे कम कर बतला रहा हूं, क्योंकि मैं घबराहट नहीं फैलाना चाहता। ट्रम्प के अपने शब्द बाइडेन के लिये हथियार बन सकते हैं। कोरोना वायरस पर वे पहले ही काफी विशाल चुनावी बढ़त बना चुके हैं, जो अब पंजीकृत मतदाताओं के लिये बढ़ती चिंता का विषय है। ये टेप उस मुद्दे पर प्रशासन के दिशाहीन होने के आरोप को ही आगे बढ़ाते हैं जिसके कारण हजारों निर्दोष अमेरिकी मारे गये हैं। एक समाचारपत्र में वुडवर्ड ने कहा-राष्ट्रपति के पास मेगाफोन है। लोग उनकी तरफ यह सुनने के लिये देखते हैं, यह है सच्चाई। अगर आप सच्चाई को तोड़ते-मरोड़ते हैं तो आप अपने काम में नाकाम रहते हैं और आप उत्तरदायित्व के लिये गलत व्यक्ति हैं।श् तथापि, एक बार फिर से कहना होगा कि ऐसे में जब केवल एक महीने से कुछ ज्यादा का ही समय रह गया है, इन टेपों के बाइडेन की चुनाव में पकड़ बनाने की गुंजाइश इस संदेश को प्रभावशाली ढंग से प्रचारित करने की उनकी क्षमता पर पूर्णत: निर्भर है।
हाल के एक प्रचार अभियान में बाइडेन ने कहा- श्देश के सामने खतरे के बाबत उन्होंने जान-बूझकर और मर्जी से महीनों तक झूठ बोला है। आगे वे कहते हैं-उनके पास सूचना थी। वे जानते थे कि यह कितना खतरनाक है। ऐसे में जब इस जानलेवा बीमारी ने देश को तोड़कर रख दिया है, वे अपने काम में असफल हुए हैं। समय के साथ बाइडेन का संवाद कुछ बिंदुओं पर सुधरा है, उस बिंदु पर जिसमें उन पर ट्रम्प के प्रचार के दौरान आरोप लगाये गये, खासकर एडरेल नामक उत्तेजक पदार्थ लेने के आरोप लगने से उनकी प्रतिष्ठा को एक धीमे व कमजोर बूढ़े द्वारा एक कठिन उत्तरदायित्व सम्हालने का आरोप लगने से धक्का पहुंचा है। यहां तक कि विज्ञापनों में, जहां उनके संदेश पहले से लिखे होते हैं और जिसके कई बार टेक लिये जाते हैं, उनकी आवाज वास्तविक के मुकाबले अधिक दृढ़ और विश्वास से भरपूर लगती है। वैसे, बाइडेन की इन सकारात्मकताओं को ही नहीं लेना होगा। ट्रम्प के खिलाफ लहर को रोकना आसान नहीं होगाय और बाइडेन का राष्ट्रपति बनना ट्रम्प की नाकामी पर अधिक निर्भर करेगा, बजाय इसके कि बाइडेन उनके विरूद्ध कुछ कर सकें। जहां तक उनके सार्वजनिक संभाषण में हाल के सुधार की बात है तो वह उनके भविष्य सुधरने का ही संकेत है। ट्रम्प को नवम्बर में अपने अवसरों को लेकर सावधान हो जाना चाहिये।