अंतराष्ट्रीय

अमेरिकी राष्ट्रपति ने जवाबी टैरिफ की घोषणा की(जवाबी ) 

वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उनकी सरकार भारत और चीन जैसे देशों पर जल्द जवाबी  (जवाबी )  शुल्क लगाएगी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हाल की अमेरिका यात्रा के दौरान कही बात को फिर दोहराया। ट्रंप वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक के शपथ ग्रहण समारोह में बोल रहे थे। ट्रंप ने वाशिंगटन में कहा, ”हम जल्द ही जवाबी शुल्क लगाएंगे। इसका मतलब है कि वे हमसे शुल्क लेते हैं, हम उनसे शुल्क लेते हैं। यह बहुत सरल है। कोई भी कंपनी या देश, जैसे भारत या चीन या अन्य कोई वे जो भी शुल्क लेते हैं, उतना ही। हम निष्पक्ष होना चाहते हैं… इसलिए जवाबी शुल्क। जवाबी का मतलब है, ‘वे हमसे शुल्क लेते हैं, हम उनसे शुल्क लेते हैं’।”

‘भारत को नहीं मिलेगी छूट’
इससे पहले ट्रंप ने मंगलवार को कहा था कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को स्पष्ट कर दिया है कि भारत को वाशिंगटन के जवाबी शुल्कों से छूट नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘शुल्क के मुद्दे पर कोई भी मुझसे बहस नहीं कर सकता।’’ ट्रंप ने ‘फॉक्स न्यूज’ को दिए एक इंटरव्यू के दौरान ये टिप्पणियां कीं। फॉक्स न्यूज ने राष्ट्रपति ट्रंप और अरबपति एलन मस्क के साथ किया गया एक जॉइंट टेलीविजन इंटरव्यू मंगलवार रात को प्रसारित किया था। तेरह फरवरी को, व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री मोदी की ट्रंप के साथ द्विपक्षीय बैठक से कुछ घंटे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति ने जवाबी टैरिफ (शुल्क) की घोषणा की थी। इस योजना के तहत, ट्रंप प्रशासन प्रत्येक विदेशी व्यापार भागीदार पर लगभग बराबर का जवाबी शुल्क लगाएगा।

रेसिप्रोकल टैरिफ क्या होता है?
पहले तो यह समझ लें कि टैरिफ क्या होता है। यह किसी दूसरे देश से आने वाले सामान पर लगाया जाने वाला टैक्स होता है, जिससे वे विदेशी प्रोडक्ट्स महंगे हो जाते हैं। रेसिप्रोकल का अर्थ होता है, ‘जैसा आप करेंगे, वैसा ही हम भी करेंगे।’ यानी दूसरा देश हम पर जितना टैक्स लगाएगा, हम भी उस पर उतना ही लगाएंगे। यह पॉलिसी आर्थिक संतुलन बनाए रखने के लिए अपनाई जाती है। इसके अपने फायदे-नुकसान हैं। व्यापार संतुलन बनाए रखने, स्थानीय उद्योगों की रक्षा करने और अनुचित बिजनेस कॉम्पीटिशन को रोकने के लिए रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया जाता है।

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