टिकटॉक(Tiktok) प बैन करने के भारत के कदम की अमेरिकी अधिकारी ने की तारीफ

नई दिल्ली. संघीय संचार आयोग (एफसीसी) के कमिश्नर ने कहा कि भारत ने ढाई साल पहले टिकटॉक (Tiktok) पर प्रतिबंध लगाकर एक ‘अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण मिसाल’ कायम की क्योंकि उन्होंने इसी तरह से अमेरिका में भी चीनी दिग्गज बाइटडांस ऐप के खिलाफ प्रतिबंध का अनुमान लगाया था.
एफसीसी के कमिश्नर ब्रेंडन कैर ने चेतावनी दी कि टिकटॉक ‘एक खास निगरानी उपकरण के रूप में काम करता है,’ और मीडिया ऐप पर प्रतिबंध लगाना ‘संचार नेटवर्क को सुरक्षित करने के हमारे प्रयासों में स्वाभाविक रूस से अगला कदम है.’
संघीय संचार आयोग के वरिष्ठ रिपब्लिकन ने कहा कि वह इस बात को लेकर परेशान हैं कि चीन टिकटॉक से मिलने वाले संवेदनशील और गैर-सार्वजनिक डेटा का इस्तेमाल ‘ब्लैकमेल, जासूसी, विदेशी मामलों पर असर डालने वाले अभियानों और निगरानी’ के लिए कर सकता है. उन्होंने कहा, ‘हमें अन्य हानिकारक ऐप्स को भी हटाने के लिए भारत के नेतृत्व का अधिक व्यापक रूप से अनुसरण करने की जरूरत है.’
कैर का यह बयान अमेरिकी राज्यों और सांसदों के बीच बढ़ते दबाव को दिखाती है, जो टिकटॉक के खिलाफ तेजी से सतर्क हो रहे हैं, जिसके देश में 10 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता हैं. भारत ने दो पड़ोसी देशों की सीमा पर झड़पों के बीच पिछले दो वर्षों में चीन से संबंधित टिकटॉक, पबजी मोबाइल, बैटलग्राउंड मोबाइल इंडिया और यूसी ब्राउज़र सहित सैकड़ों ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया है.
नई दिल्ली ने कहा था कि उसने चीन से जुड़े ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया है क्योंकि इन ऐप्स ने ‘भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा के लिए खतरा पैदा किया, जो अंततः भारत की संप्रभुता और अखंडता पर असर डालता है.’ टिकटॉक के भारत में 20 करोड़ से अधिक मासिक सक्रिय उपयोगकर्ता (मंथली एक्टिव यूजर्स) थे और प्रतिबंध से पहले यूजर्स के हिसाब से दक्षिण एशियाई राष्ट्र (इंडिया) को इसके सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय बाजार के रूप में गिना जाता था.