महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर बवाल! (मराठा आरक्षण)

मुंबई: मध्य महाराष्ट्र के जालना जिले में मराठा आरक्षण (मराठा आरक्षण) के लिए चल रहा विरोध प्रदर्शन शुक्रवार को हिंसक हो गया. प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया. इसके बाद कम से कम एक दर्जन पुलिस अधिकारी घायल हो गए. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने धुले-सोलापुर रोड पर अंतरवाली सारथी गांव में भीड़ पर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे.
इसके बाद लोगो का गुस्सा और प्रदर्शन लगातार बढ़ता जा रहा है. संभाजी नगर में भी देर रात लोगो ने बस स्टैंड पर खड़ी बसों में आग लगा दी. वहीं जालना और बीड में बंद का ऐलान किया गया है. जालना औरंगबाद हाईवे पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. लोगों के द्वारा हाईवे पर टायर जालना शुरू कर दिया गया है.
ग्रामीणों ने यह भी दावा किया कि पुलिस ने हवा में कुछ राउंड फायरिंग की, लेकिन अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की. भीड़ द्वारा राज्य परिवहन की बसों सहित कई वाहनों में आग लगा दी गई और तोड़फोड़ की गई. बता दें कि मनोज जरांगे के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी मंगलवार से गांव में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर भूख हड़ताल कर रहे थे.
CM ने की शांति बनाए रखने की अपील
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और घोषणा की कि हिंसा की उच्च स्तरीय जांच के लिए एक समिति गठित की जाएगी. CM ने कहा ‘मराठा आरक्षण के लिए चल रहे विरोध प्रदर्शन में प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज की घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से घटना की जानकारी ली है और जांच के आदेश दिये हैं.’ इस बीच, उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया कि पथराव के कारण पुलिस को लाठीचार्ज करने के लिए मजबूर होना पड़ा.
गौरतलब हो कि राजनीतिक रूप से प्रभावशाली मराठा समुदाय के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रदान किए गए आरक्षण को पहले सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था. अधिकारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री ने बुधवार को प्रदर्शनकारियों से बात की थी और उनसे भूख हड़ताल खत्म करने का आग्रह किया था, लेकिन उन्होंने पीछे हटने से इनकार कर दिया. गुरुवार को, अंबाद तहसील के वडीगोद्री गांव में दुकानें और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे, जबकि सप्ताह की शुरुआत में शाहगढ़ में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुआ था. अधिकारियों ने कहा कि अतिरिक्त पुलिस बल जालना भेजा गया है.
विपक्ष हमलावर
इस बीच, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस ने प्रदर्शनकारियों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज की निंदा की. NCP की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने पूछा कि महाराष्ट्र में लोकतंत्र है या निरंकुश शासन? उन्होंने संवाददाताओं से कहा ‘जिस तरह से पुलिस ने बेरहमी से युवक को पीटा, वह चौंकाने वाला है. इसकी जांच होनी चाहिए.’ बारामती सांसद ने गृह मंत्री और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए कहा कि यह उनके विभाग की विफलता है.
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने सरकार पर लाठियों से विरोध को कुचलने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा ‘हम सरकार प्रायोजित इस कृत्य की निंदा करते हैं. उन्हें मराठा समुदाय से माफी मांगनी चाहिए और लाठीचार्ज का आदेश देने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए.’ उन्होंने कहा कि आरक्षण प्रदान करने के लिए सरकार क्या ठोस कदम उठा रही है, इसका लिखित आश्वासन मराठा समुदाय को दिया जाना चाहिए.