उत्तर प्रदेशराजनीति
UP में 78 साल की शीला कांग्रेस की CM कैंडिडेट, 40% यूथ, 11% ब्राह्मण वोटर्स वाले
लखनऊ.15 साल दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित ही यूपी में कांग्रेस की सीएम कैंडिडेट होंगी। 27 साल बाद शीला की यूपी के पॉलिटिक्स में एंट्री हो रही है। वहीं राज्यसभा सांसद संजय सिंह को पार्टी ने चुनाव प्रचार समिति का हेड बनाया है। गुरुवार को गुलाम नबी आजाद ने ये एलान किए। कहा जा रहा है कि 2017 के यूपी इलेक्शन में 11 फीसदी ब्राह्मणों को लुभाने के लिए कांग्रेस 78 साल की शीला को परफेक्ट चेहरा मान रही है।
– यूपी कांग्रेस के इलेक्शन स्ट्रैटजिस्ट प्रशांत किशोर 403 विधानसभा सीटों में से पार्टी को कम से कम 100 सीटें दिलाना चाहते हैं।
– ऐसे में, सपा-बसपा और बीजेपी पर दबाव बनाने के लिए शीला का नाम कांग्रेस को सबसे असरदार लगा।
– दिलचस्प ये है कि यूपी में करीब 40% यूथ वोटर होने के बाद भी कांग्रेस ने यहां 60 साल के ऊपर के नेताओं पर दांव खेला है।
– 78 की शीला सीएम कैंडिडेट हैं तो 64 के राज बब्बर यूपी चीफ, 64 के ही संजय सिंह को चुनाव प्रचार समिति के हेड बनाए गए हैं।
– इलेक्शन कमीशन के मुताबिक, 2012 विधानसभा चुनाव तक यूपी में टोटल 12.5 करोड़ वोटर थे। इनमें 36% यानी 4.5 करोड़ वोटर्स 18 से 39 साल के थे।
– 2015 में यूथ वोटर्स का पर्सेंटेज बढ़कर 40% से ज्यादा हो गया है।
शीला का यूपी से पुराना नाता
– शीला दीक्षित का ससुराल यूपी के उन्नाव जिले में है। वे 1984 से लेकर 1989 तक यूपी की कन्नौज सीट से सांसद और केंद्र में मंत्री रही हैं।
– पार्टी का चेहरा बनने से पार्टी ब्राह्मण वोटों को अपनी तरफ कर सकती है।
– 1998 में कांग्रेस ने उन्हें पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया था। चुनाव हारने के बाद उन्हें प्रदेश कांग्रेस की बागडोर सौंप दी गई।
– 1998 के विधानसभा चुनाव से शीला दीक्षित ने जीत का जो सिलसिला शुरू किया, वह 2008 तक जारी रहा।
– 2013 में आम आदमी पार्टी (AAP) से कांग्रेस हार गई। चुनाव हारने के बाद पार्टी ने उन्हें केरल का गवर्नर बना दिया था।
– 2014 में बीजेपी की सरकार केंंद्र में बनने के बाद शीला ने गवर्नर की पोस्ट से इस्तीफा दे दिया था।
11% ब्राह्मण वोटरों के लिए शीला?
– यूपी कांग्रेस के लिए स्ट्रैटजी तैयार कर रहे प्रशांंत किशोर यूपी में कोई ब्राह्मण चेहरा चाहते थे।
– यूपी में इस जाति के 11 फीसदी वोटर हैं, जो करीब 125 सीटों पर असर डालते हैं। पूर्वांचल में इनका काफी प्रभाव माना जाता है।
– इस समय इनमें से अधिकतर बीजेपी और बीएसपी के साथ हैं।
8% ठाकुर वोटरों के लिए संजय सिंह?
– संजय सिंह को प्रचार की कमान देकर पार्टी ठाकुर वोटों को भी अपनी तरफ करना चाहती है।
– राज्य में करीब 8% ठाकुर वोट हैं। बुंदेलखंड और सेंट्रल यूपी रीजन में इनका काफी प्रभाव माना जाता है।
– इस समय इस जाति के अधिकतर वोटर बीजेपी और सपा के साथ हैं।
– ब्राह्मण और ठाकुर वोटर ओपिनियन मेकर की भी भूमिका निभाते हैं। इस कारण भी कांग्रेस दोनों जातियों पर फोकस कर रही है।