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गैर मान्यता प्राप्त मदरसे सरकार पर बोझ नहीं तो फिर इनमें दखल क्यों !
बसपा सुप्रीमो मायावती ने बुधवार को ट्वीट कर योगी सरकार द्वारा करवाए गए मदरसा सर्वे पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि जब गैर मान्यता प्राप्त मदरसे सरकार पर बोझ नहीं हैं तो सरकार इनमें क्यों दखल दे रही है। इन मदरसों में गरीब बच्चों को तालीम दी जाती है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि यूपी सरकार द्वारा विशेष टीम गठित करके लोगों के चन्दों पर आश्रित प्राइवेट मदरसों के बहुचर्चित सर्वे का काम पूरा हो गया है जिसके अनुसार 7,500 से अधिक ‘गैर-मान्यता प्राप्त’ मदरसे गरीब बच्चों को तालीम देने में लगे हैं। ये गैरसरकारी मदरसे सरकार पर बोझ नहीं बनना चाहते तो फिर इनमें दखल क्यों?
- जबकि सरकारी मदरसा बोर्ड के मदरसों के टीचर व स्टाफ के वेतन आदि के लिए बजट प्रावधान हेतु खास तौर से सर्वे कराया जाता है तो क्या यूपी सरकार इन प्राइवेट मदरसों को अनुदान सूची में शामिल करके उन्हें सरकारी मदरसा बनाएगी? बसपा सरकार ने 100 मदरसों को यूपी बोर्ड में शामिल किया था।
- पहले कांग्रेस सरकार ने ‘मदरसा आधुनिकीकरण’ के नाम पर वहां के छात्रों को उनकी पसंद की उच्च शिक्षा सुनिश्चित करने के बजाय उन्हें ड्राइविंग, मैकेनिक, कारपेन्टर आदि की ट्रेनिंग के जरिए छात्रों की तालीम व उन मदरसों का भी अपमान किया और अब आगे देखिए भाजपा सरकार में उनका क्या होता है?
- वैसे यूपी व देश के अन्य सभी राज्यों में भी सरकारी स्कूलों के साथ-साथ पूरी शिक्षा व्यवस्था के हालात जो लगातार बदतर होते चले जा रहे हैं वह किसी से भी छिपा नहीं है फिर भी सरकारें लापरवाह व उदासीन क्या इसलिए हैं कि वहां ज्यादातर गरीब व कमजोर वर्गों के बच्चे ही पढ़ते हैं?
मायावती के पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी मदरसा सर्वे पर सवाल उठाए थे।