अंतराष्ट्रीय

रूसी हमले (Russian attack)के बाद पहली बार यूक्रेन की टॉप लीडर आ रही हैं भारत

यूक्रेन : यूक्रेन की प्रथम उप विदेश मंत्री एमिन जपरोवा नौ से 12 अप्रैल तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगी भारत ने अभी तक यूक्रेन पर रूस के आक्रमण (Russian attack) की निंदा नहीं की है. भारत का कहना है कि संकट को कूटनीति और बातचीत के माध्यम से हल किया जाना चाहिए.

यूक्रेन की प्रथम उप विदेश मंत्री एमिन जपरोवा रविवार से भारत की चार दिवसीय यात्रा करेंगी. जपरोवा विदेश मंत्रालय (एमईए) में सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा के साथ बातचीत करेंगी. उम्मीद है कि यूक्रेन की उप विदेश मंत्री प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को यूक्रेन की यात्रा का निमंत्रण दे सकती हैं.
विदेश मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में जपरोवा की भारत यात्रा की घोषणा की. इसमें कहा गया है, ‘यूक्रेन की विदेश मामलों की प्रथम उप मंत्री एमीन जपरोवा नौ से 12 अप्रैल तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगी.’ तो चलिए जानते हैं यूक्रेन की प्रथम उप विदेश मंत्री एमिन जपरोवा के बारे में..

5 मई, 1983 को जन्मीं एमिन जपरोवा ने कीव के तारास शेवचेंको विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय संबंध संस्थान से स्नातक की डिग्री हासिल की है. इस दौरान उन्होंने ‘अंतर्राष्ट्रीय संबंधों’ की पढ़ाई की. इसके बाद 2008 से 2010 तक दो साल वे यूक्रेन के विदेश मंत्रालय के सामाजिक, सांस्कृतिक और मानवीय सहयोग विभाग से जुड़ी रहीं.
2014 से 2015 तक जपरोवा ‘रेडियो फ्री यूरोप/ रेडियो लिबर्टी में बतौर स्वतंत्र पत्रकार काम किया. इतना ही नहीं, उन्होंने ‘तुहरा’ (क्रीमियन टाटर्स के इतिहास के बारे में) और ‘एलिफ़बी” (क्रीमियाई तातार भाषा के बारे में) कार्यक्रमों में लेखक और निर्माता की भूमिका भी निभाई.

2015 से 2016 तक जपरोवा ने यूक्रेन की सूचना नीति मंत्री की सलाहकार के रूप में काम किया. इसके बाद 2016 से 2019 तक उन्होंने यूक्रेन की सूचना नीति के पहले उप मंत्री की जिम्मेदारी संभाली और फिर 10 जून 2020 को उन्हें यूक्रेन का पहला उप विदेश मंत्री बनाया गया.

पिछले साल फरवरी में यूक्रेन संघर्ष शुरू होने पर, प्रधानमंत्री मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ही यूक्रेन के नेता वोलोदिमीर जेलेंस्की से कई बार बात की. भारत ने अभी तक यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की निंदा नहीं की है. भारत का कहना है कि संकट को कूटनीति और बातचीत के माध्यम से हल किया जाना चाहिए.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत यूक्रेन के साथ मधुर और मैत्रीपूर्ण संबंध और बहुमुखी सहयोग साझा करता है. बयान में कहा गया है, ‘कूटनीतिक संबंध स्थापित करने के पिछले 30 वर्षों में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग ने व्यापार, शिक्षा, संस्कृति और रक्षा के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की है.’ उसने कहा, ‘यह यात्रा आपसी समझ और हितों को आगे बढ़ाने का एक अवसर होगी

Show More

यह भी जरुर पढ़ें !

Back to top button