यूक्रेनः सेना में महिलाओं को जगह बनाना इतना भी आसान नहीं
यूक्रेनः पिछले पांच सालों से, यूक्रेन की सेना में महिलाओं की संख्या दोगुनी हो गई है. अब यूक्रेन की मिलिट्री में महिला स्नाइपर, गनर और टैंक क्रू का होना कोई अजूबा नहीं है. लेकिन आदमियों की इस दुनिया में महिलाओं को अपनी जगह बनाने के लिए अभी काफ़ी संघर्ष करना है.”महिलाओं से सशंकित बर्ताव किया जाता है, जबकि युद्ध में तैनात आदमी को ख़ुद ब ख़ुद इज़्ज़त की नज़र से देखा जाता है.”
जयपुर में श्रृद्धा मर्डर केस जैसी दिल दहला देने वाली वारदात
मैरीना मोलोशना कहती हैं, “एक महिला पर लगातार इस बात का दबाव रहता है कि वो ख़ुद को साबित करे और पुरुषों की उम्मीदों पर ख़रा उतरे, कि उस पर भरोसा किया जा सके.”
60 वर्षीय महिला ने भीख में मिले हुए पैसे दान कर दिए दान
वो अपनी नई भूमिका को लेकर आत्मविश्वास से लबरेज़ हैं, हालांकि वो मानती हैं कि यूक्रेन की फौज में एक महिला सैनिक होना आसान नहीं है.
मिलिट्री डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक 2020 तक यूक्रेन की सेना में 31,000 महिला सैनिक थीं। इनकी हिस्सेदारी पूरी सेना में 15.6% थी, लेकिन मार्च 2021 तक ये हिस्सेदारी बढ़कर 22.5% हो गई। यानी यूक्रेन की सेना में लगभग हर चौथी सैनिक महिला है। यह हिस्सेदारी दुनिया के ज्यादातर देशों से अधिक है। यूक्रेन की इस नीति ने उसे जंग के मैदान में रूस के मुकाबले अब तक टिकाए रखा है।