अंतराष्ट्रीय

उइगरों ने चीन के नरसंहार को समाप्त करने के लिए की कार्रवाई की मांग, व्हाइट हाउस से विदेश विभाग तक निकालेंगे रैली !

वाशिंगटन डीसी- पूर्वी तुर्किस्तान निर्वासित सरकार (ईटीजीई) ने पूर्वी तुर्किस्तान राष्ट्रीय आंदोलन और पूर्वी तुर्किस्तान राष्ट्रीय कोष के सहयोग से शुक्रवार को व्हाइट हाउस से वाशिंगटन डीसी स्थित विदेश विभाग तक मार्च निकालने की घोषणा की है। 2009 Urumchi Massacre साल 2009 में हुए उरुमची नरसंहार को लेकर तुर्किस्तान निर्वासित सरकार ने मार्च निकालने की घोषणा की है। इस मार्च में पूर्वी तुर्किस्तान राष्ट्रीय आंदोलन और पूर्वी तुर्किस्तान राष्ट्रीय कोष भी सहयोग करेगा। ये मार्च व्हाइट हाउस 1600 पेन्सिल्वेनिया एवेन्यू एनडब्ल्यू वाशिंगटन डीसी से शुरू होगा और स्टेट डिपार्टमेंट 2201 सी सेंट एनडब्ल्यू वाशिंगटन डीसी तक जाएगा।

  1. साल 2009 में हुआ था उरुमची नरसंहार
  2. आज भी लोगों के जहन में बैठक डर
  3. चीन के खिलाफ कार्रवाई की हो रही मांग

वाशिंगटन डीसी तक जाएगा मार्च

यह मार्च व्हाइट हाउस, 1600 पेन्सिल्वेनिया एवेन्यू एनडब्ल्यू, वाशिंगटन, डीसी से शुरू होगा और स्टेट डिपार्टमेंट, 2201 सी सेंट एनडब्ल्यू, वाशिंगटन, डीसी तक जाएगा। ETGE ने एक्स पर पोस्ट किया, मार्च का उद्देश्य पूर्वी तुर्किस्तान में उइगर आबादी और अन्य जातीय समूहों द्वारा सामना किए जा रहे उपनिवेशीकरण, नरसंहार और कब्जे के मुद्दों की ओर ध्यान आकर्षित करना है। उनकी मांगों का मुख्य बिंदु विदेश विभाग में पूर्वी तुर्किस्तान/उइगर मुद्दों के लिए एक विशेष समन्वयक की नियुक्ति है।

पूर्वी तुर्किस्तान में नरसंहार  जारी

यह आयोजन अमेरिकी सरकार से यह आह्वान है कि वह चीन द्वारा अधिकृत पूर्वी तुर्किस्तान में जारी नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराधों को रोकने और दंडित करने के लिए अपने नैतिक और कानूनी दायित्वों को बनाए रखे।

आयोजक पूर्वी तुर्किस्तान को तिब्बत की तरह ही एक अधिकृत क्षेत्र के रूप में आधिकारिक मान्यता देने की वकालत कर रहे हैं। वे इस बात पर जोर दे रहे हैं कि पूर्वी तुर्किस्तान में चीन के कथित नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराधों को संबोधित करने में अमेरिका को अपनी नैतिक और कानूनी जिम्मेदारियों को पूरा करने की आवश्यकता है।

उइगर समिति ने की चीन की निंदा

सोमवार को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) की 103वीं वर्षगांठ पर, पार्टी को शिनजियांग, जिसे पूर्वी तुर्किस्तान के नाम से भी जाना जाता है, में कथित मानवाधिकार उल्लंघन के लिए मानवाधिकार संगठनों और जातीय समूहों से कड़ी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ा।

स्वीडिश उइगर समिति ने सोशल मीडिया पर सीसीपी की भयावह विरासत को उजागर किया तथा पूर्वी तुर्किस्तान पर पार्टी के “निर्मम आक्रमण, कब्जे और उपनिवेशीकरण” की निंदा की।

पोस्ट में चीनी सरकार पर उइगरों सहित लाखों पूर्वी तुर्किस्तानी लोगों के मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन करने का भी आरोप लगाया गया है।

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