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उइगर, जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यक हैवानियत का शिकार

जिनेवा । चीन (minority cruelty) के शिनजियांग क्षेत्र में उइगर, जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यक हैवानियत (minority cruelty) का शिकार हो रहे हैं। उन पर परिवार नियोजन और बर्थ कंट्रोल नीतियों की भेदभावपूर्ण नीति लागू की जाती है। यह खुलासा संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग पर आई रिपोर्ट से हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया कि यहां लोगों के मानवाधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है।

उन्हें बंधक बनाकर टॉर्चर किया जा रहा है। चीनी सरकार का कहना है कि इसे पश्चिमी देशों के नजरिए से बनाया गया है। सरकार का मानना है कि ये रिपोर्ट चीन की छवि खराब करने के लिए बनाई गई है। चीन के विरोध और दबाव के बावजूद इस रिपोर्ट को पब्लिश किया गया। UN की रिपोर्ट में कहा गया कि शिनजियांग में लोगों को हिरासत में रखा जा रहा है।

जबरन मेडिकल ट्रीटमेंट कराया जा रहा है। उनके अंग निकालकर ब्लैक मार्केट में बेचे जा रहे हैं। इन लोगों के साथ जेंडर और सेक्शुअल वायलेंस भी हो रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन में उइगर और अन्य जातीय अल्पसंख्यकों को भेदभावपूर्ण तरीकों से गिरफ्तार किया जा रहा है। उनका कानूनी हक छीना जा रहा है।

इसे मौलिक अधिकारों पर प्रतिबंध के रूप में देखा जा सकता है, जो अंतरराष्ट्रीय अपराध है। रिपोर्ट में चीन के वोकेशनल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग सेंटर और साइकेट्रिक हॉस्पिटलों में हो रहे इलाज पर सवाल उठाए गए। एक ह्यूमन राइट्स ग्रुप ने दावा किया था कि चीन पॉलिटिकल प्रिजनर्स और एक्टिविस्ट्स को मनोरोगी हॉस्पिटल में सजा दे रहा है। रिपोर्ट में कहा गया कि साइकेट्रिक हॉस्पिटल में भर्ती किए गए विक्टिम्स के साथ मार-पीट की जाती है। उन्हें इलेक्ट्रिक शॉक दिया जाता है। कई बार तो उन्हें महीनों तक कमरे में बंद कर दिया जाता है।

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