U-19 World Cup 22 : भारतीय टीम लगातार चौथी बार फाइनल में !!

भारतीय टीम वेस्टइंडीज में खेले जा रहे अंडर-19 विश्व कप के फाइनल में पहुंच गई है। एंटिगुआ के कूलीज क्रिकेट ग्राउंड में खेले गए सेमीफाइनल मुकाबले में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 96 रन से हरा दिया। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम ने 50 ओवर में पांच विकेट गंवाकर 290 रन बनाए। भारत की ओर से कप्तान यश धुल ने कप्तानी पारी खेलते हुए 110 रन बनाए।
वहीं, उपकप्तान शेख रशीद ने 94 रन की पारी खेली। जवाब में ऑस्ट्रेलियाई टीम 41.5 ओवर में 194 रन पर ऑलआउट हो गई। टीम की ओर से लाचलन शॉ ने 51 रन की पारी खेली। यश को उनकी पारी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। फाइनल में भारत का सामना 1998 की चैंपियन इंग्लैंड से होगा। यह मैच पांच फरवरी को सर विवियन रिचर्ड्स स्टेडियम में खेला जाएगा।
राज कुंद्रा कहा -‘मुझे दुख है !!
रिकॉर्ड आठवीं बार फाइनल में टीम इंडिया- इस जीत के साथ चार बार की चैंपियन भारतीय टीम लगातार चौथी बार और रिकॉर्ड आठवीं बार फाइनल में पहुंच गई है। भारत के नाम अंडर-19 विश्व कप में सबसे ज्यादा बार फाइनल में पहुंचने का रिकॉर्ड है। टीम इंडिया 2000, 2006, 2008, 2012, 2016, 2018, 2020 और इस साल फाइनल में पहुंची है। भारत ने 2000, 2008, 2012 और 2018 में विश्व कप जीता था। वहीं, 2006, 2016 और 2020 में फाइनल में हार का सामना करना पड़ा था।
विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शानदार रिकॉर्ड- अंडर-19 विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत का रिकॉर्ड शानदार रहा है। दोनों टीमों के बीच कुल आठ मैच खेले गए हैं। इसमें से टीम इंडिया ने छह और ऑस्ट्रेलिया ने दो मैच जीते हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस टूर्नामेंट में भारत पिछले 24 सालों में एक भी मुकाबला नहीं हारा है। 1998 में आखिरी बार ऑस्ट्रेलियाई टीम ने भारत के खिलाफ जीत हासिल की थी।
1998 के बाद कभी नहीं जीता ऑस्ट्रेलिया-1998 के बाद इस टूर्नामेंट में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच कुल छह मुकाबले खेले गए हैं और सभी में भारतीय टीम ने जीत दर्ज की। भारत ने नॉकआउट मुकाबलों में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कुल चार मैच खेले हैं और सभी में जीत हासिल की। टीम इंडिया ने 2012 और 2018 के अंडर-19 विश्व कप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को ही हराया था। इसके अलावा 2000 के सेमीफाइनल में भी टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को धूल चटाई थी।
शानदार फॉर्म में है भारतीय टीम- अंडर-19 विश्व कप में अब भारतीय टीम का प्रदर्शन शानदार रहा है। लीग स्टेज में टीम ने तीन मैच खेले और सभी में जीत दर्ज की। इस दौरान भारत ने दक्षिण अफ्रीका, आयरलैंड और युगांडा को हराया। उसके बाद क्वार्टर-फाइनल मुकाबले में टीम इंडिया ने बांग्लादेश को पांच विकेट से हराया था।
भारतीय टीम की शुरुआत खराब रही-टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत खराब रही। भारत ने 37 रन पर अपने दोनों ओपनर्स अंगकृष रघुवंशी और हरनूर सिंह को गंवा दिया था। इसके बाद रशीद और यश ने तीसरे विकेट के लिए 204 रन की साझेदारी निभाई। धुल ने कप्तानी पारी खेलते हुए 110 रन बनाए। यह इस टूर्नामेंट में उनका पहला शतक रहा। रशीद ने 94 रन की पारी खेली।
दिनेश बाना ने तूफानी पारी खेली-इन दोनों के अलावा विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश बाना ने चार गेंदों पर 20 रन की नाबाद तूफानी पारी खेली। उन्होंने आखिरी ओवर में दो छक्के और एक चौका लगाया। वहीं, निशांत सिंधु भी 10 गेंदों पर 12 रन बनाकर नाबाद रहे। भारतीय टीम ने आखिरी (50वें) ओवर में 27 रन बटोरे। आखिरी 10 ओवर में टीम इंडिया ने 108 रन बनाए। इस तरह भारत ने 290 रन बनाए। ऑस्ट्रेलिया की ओर से जैक निस्बेट और विलियम साल्जमैन ने दो-दो विकेट लिए।
कैंपबेल और कोरी ने 68 रन की साझेदारी की-जवाब में ऑस्ट्रेलियाई टीम की शुरुआत खराब रही। तीन रन के कुल स्कोर पर टीम को पहला झटका लगा। टीग वीली एक रन बनाकर आउट हुए। इसके बाद कैंपबेल केलावे और कोरी मिलर ने दूसरे विकेट के लिए 68 रन की साझेदारी की। 71 रन पर ऑस्ट्रेलिया को मिलर के रूप में दूसरा झटका लगा। वे 46 गेंदों पर 38 रन बनाकर आउट हुए। इसके बाद कंगारू टीम ने 54 रन बनाने में पांच विकेट गंवा दिए।
विक्की ओस्तवाल ने झटके तीन विकेट-कैंपबेल 53 गेंदों पर 30 रन बनाकर आउट हुए। वहीं, लाचलन शॉ ने 66 गेंदों पर 51 रन की पारी खेली। आखिर में जैक सिनफिल्ड ने 20 रन और टॉम व्हाइटनी ने 19 रन जरूर बनाए, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। इनके अलावा कोई भी ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज कुछ खास नहीं कर सका। भारत की ओर से विक्की ओस्तवाल ने तीन विकेट झटके। वहीं, रवि कुमार और निशांत सिंधू ने दो-दो विकेट लिया। कौशल तांबे और अंगकृष रघुवंशी को एक-एक विकेट हासिल हुआ।