हाइड्रोजन ईंधन से चलेगी दोपहिया गाड़ियां !
पेट्रोल-डीजल की महंगाई को देखते हुए जब लोगों ने अन्य विकल्पों की तरफ देखना शुरू किया तो चार पहिया में तो लोगों को सीएनजी का विकल्प मिल गया लेकिन दो पहिया में लोगों के पास कोई विकल्प नहीं है. हालांकि इलेक्ट्रिक वाहन एक विकल्प के तौर पर सामने आए भी तो उनमें आग लगने की घटनाओं ने लोगों को डरा दिया. दूसरा इलेक्ट्रिक वाहन इतने महंगे हैं कि लोगों को ये कोई बेहतर विकल्प नहीं लगा. दूसरा इनकी चार्जिंग और रेंज को लेकर भी लोगों के सामने कई तरह की मुश्किल है.
इसके अलावा बात करें तो टू-व्हीलर में भी इलेक्ट्रिक स्कूटर तो कई हैं लेकिन इलेक्ट्रिक बाइक गिनती की हैं. वहीं चार पहिया में सीएनजी और इलेक्ट्रिक कारों के अलावा हाइब्रिड और हाइड्रोजन कारें भी चर्चा में हैं. हाइब्रिड कारें तो कुछ कंपनियों ने लॉन्च भी कर दी हैं जो सड़कों पर दौड़ भी रही हैं लेकिन हाइड्रोजन कारें अभी भारत में सिर्फ चर्चा में ही हैं.
सभी स्थितियों को देखें तो इलेक्ट्रिक वाहन ही पेट्रोल-डीजल वाहनों के बेहतर विकल्प दिख रहे हैं. हालांकि हाइड्रोजन ईंधन को काफी साफ सुथरा ईंधन बताया जा रहा है और कहा यह भी जा रहा है कि इससे प्रदूषण भी न के बराबर होगा. कई कंपनियां भी हाइड्रोजन ईंधन को लेकर काम कर रही हैं. हाल ही में इटह और टोयोटा की साझेदारी की बात सामने आई है जहां ये दोनों कंपनियां साथ मिलकर हाइड्रोजन कार को लेकर काम करेंगी. हालांकि इन दोनों ही कंपनियों की हाइड्रोजन कार का ट्रायल पहले से ही चल रहा है. इस बीच खबर ये आई कि दो पहिया कंपनियां भी हाइड्रोजन फ्यूल को विकल्प के तौर पर देख रही हैं. इनमें एक कंपनी है जो अपने आईक्यूब स्कूटर को हाइड्रोजन फ्यूल विकल्प के साथ पेश कर सकती है.
सामने आया ब्लूप्रिंट
कुछ ही समय पहले भारतीय वाहन निर्माता के नाम और डिजाइन वाले कुछ पेटेंट ऑनलाइन सामने आए और उनका यह निष्कर्ष निकाला गया कि ये हाइड्रोजन से चलने वाले स्कूटर हो सकते हैं. लीक हुए पेटेंट दस्तावेजों से पता चलता है कि कंपनी ऐसे स्कूटर पर काम कर रही है जिसमें दो हाइड्रोजन ह्लफ्यूलह्व कनस्तर हैं जो स्कूटर के फ्रेम के फ्रंट डाउनट्यूब पर लगे हैं.
सीट के नीचे हाइड्रोजन फ्यूल टैंक
अगर लीक की खबरें सही साबित होती हैं तो इस स्कूटर में सीट के नीचे हाइड्रोजन फ्यूल टैंक दिया जाएगा. ऐसे में बैटरी की जगह बदलनी पड़ेगी और बैटरी पैक को फ्लोरबोर्ड के नीचे रखा जाएगा. इस बैटरी में हाइब्रिड मैकेनिज्म वाले वाहनों की तरह ही ब्रेकिंग या डिएक्सलेरेशन के दौरान पैदा होने वाली एनर्जी स्टोर होगी और जरूरत पड़ने पर ये एक्स्ट्रा परफॉर्मेंस देगा.
कैसे काम करता है हाइड्रोजन फ्यूल
हाइड्रोजन फ्यूल सेल वाला वाहन काफी हद तक पारंपरिक बैटरियों के जैसे ही काम करता है. इसमें कैथोड और एनोड के बीच एक इलेक्ट्रोलाइट भी होता है. एनोड हाइड्रोजन प्राप्त करता है और कैथोड वातावरण से ऑक्सीजन प्राप्त करता है. एनोड के संपर्क में आते ही उत्प्रेरक हाइड्रोजन में प्रोटॉन और इलेक्ट्रॉनों को अलग कर देता है.