लखनऊ में फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश, एयरलाइंस में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले दो गैंग धरे गए !
लखनऊ -: राजधानी लखनऊ में फर्जी कॉल सेंटरों के माध्यम से बेरोजगार युवाओं को एयरलाइंस और नामी कंपनियों में नौकरी का झांसा देकर लाखों रुपये की ऑनलाइन ठगी करने वाले दो अलग-अलग गैंगों का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। दक्षिणी जोन की थाना बंथरा और सरोजनीनगर पुलिस के साथ सर्विलांस टीम और साइबर सेल के संयुक्त अभियान में कुल 9 जालसाजों को गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज, डिजिटल उपकरण, मोबाइल फोन, लैपटॉप और ठगी में इस्तेमाल की जा रही कार जब्त की गई है।
पहली कार्रवाई बंथरा थाना क्षेत्र के आजाद बिहार कॉलोनी स्थित एक दोमंजिला मकान में की गई, जहां एक फर्जी कॉल सेंटर में चल रहे साइबर फ्रॉड नेटवर्क का खुलासा हुआ। पुलिस ने मौके से अजय प्रताप सिंह, संतोष कुमार, अमित सिंह, ब्रशाली सिंह और आरती सिंह को गिरफ्तार किया। ये सभी विभिन्न राज्यों और जिलों के लोगों से टेलीफोन, व्हाट्सएप और ईमेल के जरिए संपर्क कर उन्हें एयर इंडिया, टाटा मोटर्स, विस्तारा और अन्य नामी कंपनियों में नौकरी का झांसा देते थे।
प्रारंभिक चरण में इंटरव्यू की औपचारिकता पूरी कराई जाती और फिर फर्जी नियुक्ति पत्र भेजकर वर्दी, ट्रेनिंग और मेडिकल के नाम पर किस्तों में रुपये वसूले जाते। जब कोई व्यक्ति अधिक जांच करता या शिकायत की कोशिश करता, तो उसका नंबर तत्काल ब्लॉक कर दिया जाता था। पुलिस को इन जालसाजों के पास से स्मार्टफोन, कीपैड फोन, लैपटॉप, आधार कार्ड, एटीएम कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासबुक व अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं।
दूसरी कार्रवाई सरोजनीनगर थाना क्षेत्र में आउटर रिंग रोड कानपुर अंडरपास के पास की गई, जहां स्काई नेट इंटरप्राइजेज नाम से चल रहे एक अन्य फर्जी कॉल सेंटर में साइबर ठगी की बड़ी साजिश चल रही थी। मुखबिर की सूचना पर दरोगाखेड़ा अंडरपास स्थित बिल्डिंग में जब छापा मारा गया, तो चार जालसाज मौके पर डिजिटल उपकरणों के साथ पकड़े गए। इनमें कुलदीप, प्रियंका, शालू और आंचल शामिल हैं, जो कम्प्यूटर और मोबाइल के जरिए लोगों से संपर्क कर एयरलाइंस में नियुक्ति के नाम पर ठगी कर रहे थे।
इन जालसाजों के पास से पांच लैपटॉप, चार स्मार्टफोन, चार कीपैड मोबाइल, दो जियो डिवाइस और एक कार बरामद की गई, जिसे सीज कर लिया गया है। पूछताछ में खुलासा हुआ कि दोनों गिरोह एक जैसे मॉडस ऑपरेन्डी पर काम कर रहे थे और विभिन्न जनपदों के सैकड़ों लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं। गिरोह के सदस्य बेरोजगार युवाओं की भावनाओं का दोहन करते हुए बड़े ब्रांडेड नामों का सहारा लेकर उन्हें इंटरव्यू और नियुक्ति पत्र की झूठी प्रक्रिया में उलझाते थे और मोटी रकम वसूलते थे।पुलिस ने दोनों मामलों में संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है और गिरफ्तार आरोपियों के आपराधिक इतिहास के बारे में डीसीआरबी को रिपोर्ट भेजी गई है। पुलिस अब गिरोह के अन्य फरार सदस्यों की तलाश कर रही है और उनके बैंक खातों, मोबाइल नंबरों व डिजिटल रिकॉर्ड की गहन जांच कर रही है।
लखनऊ पुलिस की यह कार्रवाई न केवल साइबर अपराध के खिलाफ एक बड़ी सफलता है, बल्कि बेरोजगारी की मार झेल रहे युवाओं को फर्जी रोजगार दिलाने के नाम पर चल रहे संगठित ठगी रैकेट के जाल से बचाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।