ट्रक ऑपरेटरों का आंदोलन उग्र हो गया ,धरना प्रदर्शन कर रहे ट्रक ऑपरेटर !

बिलासपुर में शुक्रवार को धरना प्रदर्शन कर रहे ट्रक ऑपरेटरों का आंदोलन उग्र हो गया। ट्रक ऑपरेटरों ने रैली के बीच आने वाले सीमेंट के ट्रकों में तोड़फोड़ की और सीमेंट की बोरियां भी सड़क पर फेंक कर फाड़ डालीं। ये ट्रक नालागढ़ और चंडीगढ़ से एसीसी सीमेंट की सप्लाई लेकर आ रहे थे। बिलासपुर में शुक्रवार को का आंदोलन उग्र हो गया। ट्रक ऑपरेटरों ने रैली के बीच आने वाले सीमेंट के ट्रकों में तोड़फोड़ की और सीमेंट की बोरियां भी सड़क पर फेंक कर फाड़ डालीं। ये ट्रक नालागढ़ और चंडीगढ़ से एसीसी सीमेंट की सप्लाई लेकर आ रहे थे।
मौके पर पहुंची पुलिस ने ट्रक ऑपरेटरों को समझाने की कोशिश की लेकिन वे नहीं माने और अदाणी ग्रुप के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। ट्रक आपरेटरों ने नालागढ़ और चंडीगढ़ से सीमेंट लेकर आए चालकों को चेतावनी देते हुए कहा कि दोबारा सप्लाई लेकर आए तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। बीडीटीएस के प्रधान राकेश ठाकुर ने कहा कि अदाणी की मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बरमाणा सीमेंट प्लांट से स्थानीय ट्रक ऑपरेटर ही माल ढुलाई करेंगे। उन्होंने कहा कि अदाणी समूह सारे देश में मनमानी कर रहा है। हिमाचल में ऐसा नहीं चलेगा।

अदाणी कंपनी का सीमेंट लेकर पहुंची गाड़ियों का किया विरोध
पूर्व सैनिक ट्रक ऑपरेटर कल्याण संघ के जिलाध्यक्ष योगेंद्र अवस्थी की अगुवाई में यूनियन के सदस्यों ने शुक्रवार को एसीसी के स्थानीय स्टोर पर सीमेंट लेकर पहुंचीं गाड़ियों का विरोध किया। करीब 50 ट्रक संचालकों ने नादौन के निकट कंपनी के डंप पर पहुंचकर चालकों को चेतावनी दी कि वे भविष्य में अदाणी कंपनी का सीमेंट लेकर क्षेत्र में न आएं। यूनियन ने कहा कि जब तक कंपनी के साथ गतिरोध चल रहा है, तब तक किसी भी गाड़ी को क्षेत्र में अदाणी की कंपनी के सीमेंट की आपूर्ति नहीं करने दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि एसीसी अंबुजा सीमेंट के अतिरिक्त किसी अन्य कंपनी के सीमेंट की आपूर्ति को यूनियन नहीं रोकेगी। नालागढ़ यूनियन से लोड होकर आईं इन गाड़ियों के लिए अवस्थी ने मौके पर ही नालागढ़ यूनियन के अध्यक्ष से बात की। कहा कि उन्होंने आश्वासन दिया है कि नालागढ़ यूनियन का कोई भी वाहन प्रदेश में अब अदाणी की कंपनी के सीमेंट की ढुलाई नहीं करेगा। कहा कि बरमाणा में पूर्व सैनिकों के सैकड़ों ट्रक सीमेंट ढुलाई में लगे हैं, परंतु अब उनके लिए सबसे बड़ी समस्या यह है कि जिन लोगों ने नए ट्रक खरीदे हैं, वे बैंक की किस्तें कैसे जमा करवाएंगे। यदि ट्रक खड़े हो गए तो चालकों का वेतन कहां से आएगा। प्रदेश के करीब 30 हजार परिवार प्रभावित हो रहे हैं। कहा कि वर्ष 2005 में जब समझौता हुआ था तो उसमें यह भी बात तय हुई थी कि डीजल की कीमतें व स्पेयर पार्ट्स के दामों में बढ़ोतरी के साथ माल ढुलाई के दामों में भी समय अनुसार वृद्धि होगी।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 में डीजल की कीमतों और आज के दामों में काफी बड़ा अंतर है। पहाड़ी राज्य होने के कारण डीजल की खपत भी अधिक होती है। उन्होंने कहा कि यदि समस्या का समाधान नहीं हुआ तो कई ट्रक संचालक सड़क पर आ जाएंगे। अवस्थी ने चेतावनी दी है कि अदाणी समूह की हिटलर शाही नहीं चलने दी जाएगी। अवस्थी ने सरकार से भी मांग की है कि शीघ्र समस्या का समाधान करवाया जाए।