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चुनाव घोषणा के बाद से घाटी में जबरदस्त उत्साह

जम्मू । जम्मू-कश्मीर (tremendous enthusiasm) में चुनाव से पहले मतदाता सूची तैयार करने का काम पूरे जोरशोर (tremendous enthusiasm) से चल रहा है। इस बार 25 लाख नए मतदाता जुड़ सकते हैं। लेकिन जमीनी स्तर पर देखा जाए तो गैर स्थानीय मतदाता लंबे समय से बिना किसी कठिनाई का सामना किए वोट डाल रहे हैं। 2019 में ऐसे 32 हजार वोटर थे।

आयोग ने घोषणा की है कि यहां रह रहे दूसरे राज्यों के लोग भी जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत खुद का नाम मतदाता के तौर पर जुड़वा सकते हैं। आयोग की इस घोषणा के बाद से इन प्रवासियों में जबरदस्त उत्साह है। मेरे दोनों बेटे डिग्री कॉलेज में कॉमर्स की पढ़ाई कर रहे हैं।

वे कहते हैं कि हम लोग लोकसभा चुनावों में बहुत पहले से वोट डालते आ रहे हैं, लेकिन अनुच्छेद 370 के चलते विधान सभा चुनाव में वोट डालने से वंचित रहते थे। अब वो बाधा खत्म कर दी गई है। अजय शाह के पिता भूपाल शाह कहते हैं कि 1996 और 2002 के चुनावों में यहां रहने वाले कुछ प्रवासियों ने वोट डाला था, लेकिन प्रतिद्वंद्वी पार्टियों के विरोध के बाद वोटिंग लिस्ट से उनके नाम काट दिए गए।

प्रवासी चंद्रकांत बताते हैं कि वो भी अपना नाम वोटर लिस्ट में जुड़वाने के लिए उत्साहित हैं। वोटिंग प्रक्रिया में हिस्सा लेकर मनपसंद सरकार चुन सकते हैं। केंद्र शासित प्रदेश में दशकों से रह रहे प्रवासियों का कहना है कि वोटिंग का हक मिलने से अब उनकी आवाज भी सुनी जाएगी। हालांकि, कश्मीर की क्षेत्रीय पार्टियां प्रवासियों को वोटिंग का हक देने का विरोध कर रही हैं। इस बीच, भास्कर ने जम्मू में प्रवासियों की बड़ी बस्तियों डिगिआना, प्रीत नगर, नानक नगर, मीरां साहिब, कुंजवानी, कासिम नगर, राजीव नगर का दौरा किया।

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