लाइफस्टाइल

सोशल मीडिया से खुश रहने के लिए दूरी बनाना (make distance!) जरूरी !

सोशल मीडिया: सुबह उठते ही हाथों में मोबाइल, रात को सोते समय लाइक्‍स, सोशल मीडिया पर क्‍या ट्रेंड कर रहा है, किसने फोटो पर कमेंट किया किसने नहीं.. आजकल सोशल मीडिया यूजर्स दिन-रात इसी सोच में डूबे रहते हैं. सोशल मीडिया ने जहां एक ओर लोगों को फ्रेंड्स और रिश्‍तेदारों से जोड़ा है, वहीं दूसरी ओर ये लोगों के दुख और अकेलेपन का कारण भी बनता जा रहा है. सोशल मीडिया की लत इतनी बढ़ गई है कि लोग पर्सनल लाइफ को पब्लिक करने से भी नहीं हिचकिचाते. सोशल मीडिया पर पोस्‍ट की गई पिक्‍चर्स और वीडियोज पर आए कमेंट लोगों का आत्‍मविश्‍वास कम करने और तनाव की वजह बन रहे हैं. कई बार लोगों में जलन जैसे भाव भी आने लगते हैं. चलिए जानते हैं सोशल मीडिया को किस प्रकार कंट्रोल या अवॉइड किया जा सकता है.

टाइम को करें कंट्रोल
हेल्थिस्‍टा के अनुसारसोशल मीडिया इनदिनों लोगों की लाइफ पर पूरी तरह से हावी हो चुका है. बिना सोशल मीडिया के कई लोगों के दिन की शुरुआत ही नहीं होती. सोशल मीडिया के यूज से न सिर्फ लोगों की फिजिकल हेल्थ पर प्रभाव पड़ रहा है बल्कि मेंटल प्रेशर भी बढ़ रहा है. सोशल मीडिया के यूज को कम करने के लिए जरूरी है कि टाइम लिमिट तय की जाए. इसके लिए रेस्‍क्‍यू टाइम जैसे एप का प्रयोग किया जा सकता है जिसके चलते व्‍यक्ति कितनी देर ऑनलाइन है, इस पर नजर रखी जा सकती है.

फैमिली टाइम पर करें सोशल मीडिया करें अवॉइड
कुछ लोग सोशल मीडिया पर दिन में होने वाली सभी छोटी-बड़ी एक्‍टिविटी पोस्‍ट करते हैं. यहां तक कि फैमिली टाइम को भी. सोशल मीडिया से दूरी बनाने का सबसे अच्‍छा तरीका है फैमिली टाइम को एंजॉय करना. फैमिली टाइम के दौरान मोबाइल से दूरी बना लेनी(make distance!)  चाहिए. लाइफ को हैप्‍पी बनाने के लिए फैमिली और फ्रेंड्स के साथ क्‍वालिटी टाइम स्‍पेंड किया जा सकता है. इससे आत्मविश्‍वास भी बढ़ेगा और रिश्‍तों में भी सुधार आएगा.

सोशल मीडिया के दुष्‍प्रभाव

ज्‍यादा इस्‍तेमाल से बढ़ता है कंपेरिजन
तनाव और डिप्रेशन का बनता है कारण
रिश्‍तों में बढ़ जाती है दूर
बढ़ता है मेंटल प्रेशर
हो जाती है नींद की समस्‍या

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