मध्यप्रदेश में गरज-चमक के साथ गिरेंगी बाैछारें

भोपाल । मध्यप्रदेश (showers will fall) में फिलहाल कोई नया सिस्टम एक्टिव नहीं है, फिर भी बादल बरस रहे हैं। बुधवार को भोपाल-इंदौर समेत कई जिलों में तेज और रिमझिम बारिश (showers will fall)हुई। मध्यप्रदेश में 1 जून से 31 अगस्त तक करीब 31 इंच बारिश होना चाहिए थी, लेकिन 38 इंच पानी गिर चुका है। यह सामान्य से 23% ज्यादा यानी 7 इंच ज्यादा पानी बरस चुका है।
गुरुवार को भी जबलपुर-ग्वालियर समेत प्रदेश के सभी शहरों में बाैछारें गिर सकती हैं। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो बंगाल की खाड़ी और अरब सागर की तरफ से थोड़ी नमी है। वहीं, धूप निकलने के साथ तापमान बढ़ा है। इससे भी लोकल में बादल छाने के बाद पानी बरस रहा है।
हालांकि, एमपी नगर, अरेरा कॉलोनी समेत दो-तीन किलोमीटर के दायरे में ही बादल बरसे। कोलार, बैरागढ़ समेत अन्य इलाकों में रिमझिम हुई। इससे मौसम खुशनुमा हो गया। प्रदेश के अन्य शहरों में भी रुक-रुककर बौछारें गिरती रहीं। इससे लोकल में बादल छा रहे हैं। इस कारण बिना सिस्टम ही बारिश हो रही है।
बुधवार को प्रदेशभर में ऐसा मौसम रहा था। गुरुवार को भी ऐसा ही मौसम रहेगा। पूर्वी मध्यप्रदेश के जबलपुर, सागर, शहडोल, भोपाल और नर्मदापुरम में बारिश होगी। गुरुवार को गरज-चमक के साथ बाैछारें गिर सकती हैं।
चंबल-ग्वालियर संभाग में भी कहीं-कहीं रिमझिम की संभावना है। छिंदवाड़ा, बैतूल, खरगोन, बड़वानी, धार, मंदसौर, नीमच, इंदौर, हरदा, रतलाम, उज्जैन, देवास में बिजली गिरने और चमकने के आसार हैं। तेज धूप के बीच बुधवार को अचानक मौसम बदला था। भोपाल में करीब एक घंटे तक तेज बारिश हुई।