लगभग 3,300 करोड़ रुपये की परियोजनाओं के अभिनव कार्यक्रमों के माध्यम से उत्तर प्रदेश के भविष्य को सजाने व संवारने का कार्य करने जा रहा है -: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

लखनऊ -: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा आज लगभग 3,300 करोड़ रुपये की परियोजनाओं के अभिनव कार्यक्रमों के माध्यम से उत्तर प्रदेश के भविष्य को सजाने व संवारने का कार्य करने जा रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार ने विगत 08 वर्षां में बेसिक शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन करने की दिशा में कार्य किये हैं। बेसिक शिक्षा विभाग की यह यात्रा ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ से प्रारम्भ हुई और आज मुख्यमंत्री मॉडल कम्पोजिट विद्यालयों, मुख्यमंत्री अभ्युदय मॉडल कम्पोजिट विद्यालयों के रूप में शिक्षा के नये मॉडल प्रस्तुत कर रही है। बेसिक शिक्षा विभाग शिक्षा की गुणवत्ता बनाये रखने व नवाचार को आगे बढ़ाने की दिशा लगातार कार्य कर रहा है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में आयोजित बेसिक शिक्षा विभाग के एक कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने 43 मुख्यमंत्री मॉडल कम्पोजिट विद्यालयों तथा 66 मुख्यमंत्री अभ्युदय मॉडल कम्पोजिट विद्यालयों का शिलान्यास और 139 उच्चीकृत कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालयों के नवनिर्मित भवनों/अतिरिक्त डॉरमेट्री का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री जी ने स्कूल यूनीफॉर्म, स्कूल बैग, जूता-मोजा, स्वेटर व स्टेशनरी खरीदने हेतु परिषदीय विद्यालय के प्रति छात्र-छात्रा को 1,200 रुपये की धनराशि उनके माता-पिता/अभिभावक के बैंक खाते में डी0बी0टी0 के माध्यम से अन्तरित की।
मुख्यमंत्री जी ने 7,409 विद्यालयों में स्मार्ट क्लास, 5,258 विद्यालयों में आई0सी0टी0 लैब, 503 पी0एम0 श्री विद्यालयों में डिजिटल लाइब्रेरी, 51,600 शिक्षकों को टैबलेट वितरण, राज्य शैक्षिक तकनीकी संस्थान में स्थापित एजुकेशनल ब्रॉडकास्टिंग स्टूडियो, निपुण प्लस ऐप तथा समस्त परिषदीय उच्च प्राथमिक एवं कम्पोजिट विद्यालयों में समर कैम्प नवाचार कार्यक्रमों का शुभारम्भ किया। साथ ही, उन्होंने निपुण आकलन में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री जी ने राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एस0सी0ई0आर0टी0) द्वारा सृजित पुस्तकों ‘सारथी’ व ‘अनुरूपण’ का विमोचन किया। कार्यक्रम से पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने बेसिक शिक्षा विभाग के नवाचार से सम्बन्धित एक प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश स्कूली शिक्षा का एक नया मॉडल देने जा रहा है। बच्चों को प्री-प्राइमरी से लेकर सीनियर सेकेण्ड्री तक की गुणवत्तापरक शिक्षा एक ही कैम्पस में प्राप्त होगी। डे-स्कूल के रूप में इन विद्यालयों को विकसित किया जा रहा है। लगभग 1500 छात्र-छात्राओं को आधुनिकतम परिवेश में शिक्षित करने के उद्देश्य से इन विद्यालयों में साइंस लैब, कम्प्यूटर लैब व मॉडर्न एज से जुड़े विषयों की टेक्निकल लैब, इनडोर व आउटडोर गेम के ग्राउण्ड, मल्टीपरपज हॉल की व्यवस्था होगी। इन विद्यालयों में योग्य शिक्षक तैनात किये जाएंगे। यह विद्यालय बेसिक शिक्षा का एक अभिनव नवाचार साबित होंगे। लगभग 10 से 15 एकड़ में एक शानदार कैम्पस विकसित करने की कार्यवाही को आगे बढ़ाया जा रहा है। प्रथम चरण में प्रदेश सरकार ने प्रत्येक जनपद में ऐसे 02-02 विद्यालयों को प्रारम्भ करने की कार्यवाही को आगे बढ़ाया है। राज्य सरकार आगामी सत्र तक हर विधान सभा स्तर पर ऐसे एक-एक विद्यालय की व्यवस्था करने जा रही है। एक विद्यालय के निर्माण की लागत लगभग 25 से 30 करोड़ रुपये होगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत दिवस नई दिल्ली में आयोजित 20 राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में संचालित ‘प्रोजेक्ट अलंकार’ का प्रेजेन्टेशन किया। ‘प्रोजेक्ट अलंकार’ पुराने माध्यमिक विद्यालयों के भवनों के जीर्णाद्धार और शिक्षा में तकनीक के बेहतर समावेश व डिजिटलीकरण का बेहतरीन उदाहरण साबित हुआ है। इसके माध्यम से लाखों बच्चों के जीवन में परिवर्तन आया है। युवाओं को रोजगार भी मिला है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शिक्षा समाज व राष्ट्र की आधारशिला होती है। बेसिक शिक्षा विभाग ने विगत 08 वर्षां में सर्वाधिक नवाचार किये हैं, जिनके सार्थक परिणाम सामने आएंगे। वर्ष 2017 से पूर्व परिषदीय विद्यालयों के भवन जर्जर व गंदगीयुक्त थे। इन विद्यालयों में छात्र-छात्राओं का अभाव था। अव्यवस्था के खिलाफ एक पहल की आवश्यकता थी। प्रदेश सरकार ने यह पहल प्रारम्भ की। परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों ने अपना सहयोग प्रदान किया। परिणामस्वरूप इन स्कूलों में छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़ी है। आज विभिन्न परिषदीय विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की संख्या 800 से 1200 तक है। परिषदीय विद्यालयों की दुनिया के सामने यह एक नयी तस्वीर है। निपुण आकलन के अनुसार 48,000 से अधिक परिषदीय विद्यालय अपने परिणामों से हम सबको आश्चर्यचकित कर रहे हैं। छात्र-छात्राओं के लर्निंग का स्तर बढ़ा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद बी0एड0 व एम0एड0 के विद्यार्थियों को एक सप्ताह के लिए परिषदीय विद्यालयों में निपुण कार्यक्रम के आकलन के लिए अवश्य भेजे। इससे इन विद्यार्थियों की फील्ड ट्रेनिंग भी होगी तथा वह परिषदीय विद्यालयों के नवीन कार्यां से भी अवगत होंगे। हमारा प्रयास होना चाहिए कि हर विद्यालय में शिक्षक और विद्यार्थी का अनुपात सही हो। एक ग्राम पंचायत में कम बच्चों वाले 02-03 विद्यालयों को व्यावहारिकता अपनाते हुए एक किया जाए तथा पर्याप्त शिक्षक तैनात किये जाएं। यदि हमें स्वस्थ समाज की आधारशिला रखनी है, तो इसके लिए हमें तैयार होना होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमारे शिक्षक देश के भविष्य को गढ़ने का कार्य करते हैं। हमें कार्यां को समय से आगे बढ़ाना होगा तथा अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करना होगा। यह हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी है कि 05 से 14 वर्ष तक के बच्चे स्कूल जरूर जाएं। जुलाई माह में ‘स्कूल चलो अभियान’ सक्रिय रूप से संचालित किया जाए। शिक्षकगण ग्राम पंचायत में विद्यालय समिति व ग्राम सभा के साथ मिलकर बच्चों का नामांकन कराएं तथा जब बच्चे स्कूल आएं तो उनका गर्मजोशी से स्वागत हो। स्कूली बच्चे गांव में स्वच्छता कार्यक्रम से जुड़ें।
परिषदीय उच्च विद्यालयों व कम्पोजिट विद्यालयों में समर कैम्प का आयोजन एक अभिनव प्रयास है। इसके माध्यम से बच्चों को विभिन्न खेल-कूद गतिविधियों, योग, संगीत, नृत्य जैसी गतिविधियों से जुड़ने का अवसर प्राप्त होगा तथा बच्चों की प्रतिभा को निखारने में मदद मिलेगी। हर बच्चे में कोई न कोई प्रतिभा होती है। विद्यालयों को इन प्रतिभाओं को निखारने का कार्य करना होगा। नवम्बर व दिसम्बर माह में बच्चों के लिए एक सप्ताह का कार्यक्रम खेल व अन्य प्रतियोगिताओं के लिए तय होना चाहिए। इसमें बच्चों को ब्लॉक, जनपद, मण्डल व प्रदेश स्तर पर सम्मानित किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आगामी 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस का 10वां संस्करण मनाया जाएगा। हमारा प्रयास होना चाहिए कि आयुष मंत्रालय के प्रोटोकॉल के अनुरूप परिषदीय विद्यालयों, कम्पोजिट विद्यालयों और कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालयों में अभी से तैयारी शुरू कर ली जाए। आगामी 21 जून को परिषदीय विद्यालयों, माध्यमिक शिक्षा के विद्यालयों, उच्च शिक्षण संस्थानों व अन्य संस्थानों को योग कार्यक्रम से जुड़ना होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य शैक्षिक तकनीकी संस्थान द्वारा स्थापित एजुकेशनल ब्रॉडकास्टिंग स्टूडियो एक बेहतरीन मॉडल है, जिसके माध्यम से एक शिक्षक की विशेषज्ञता का लाभ प्रदेश के अन्य बच्चे भी प्राप्त कर पाएंगे। हमें लर्निंग में तकनीक का समावेश करने की आवश्यकता है। एस0सी0ई0आर0टी0 की ‘सारथी’ व ‘अनुरूपण’ पुस्तकों का यहां पर विमोचन किया गया है। इनमें अच्छे शिक्षकों द्वारा तैयार किये गये कंटेंट व उनके कार्यां का उल्लेख है। यह पुस्तकें हर परिषदीय विद्यालय में पहुंचायी जाएं और शिक्षकगण इनका अध्ययन भी करें। सीखने की कोई उम्र नहीं होती। राज्य सरकार द्वारा अच्छा कार्य करने वाले शिक्षकों को आज यहां सम्मानित किया गया है। अच्छे शिक्षकों का आकलन ब्लॉक, जनपद, मण्डल व राज्य स्तर पर करते हुए उन्हें सम्मानित किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालयों को 8वीं कक्षा से 12वीं कक्षा तक उच्चीकृत करने का कार्य किया। सभी 746 कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालयों में बालिकाओं के लिए अच्छी शिक्षा व अच्छे भोजन के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के 1.5 करोड़ से अधिक बच्चों के लिए स्कूल यूनीफॉर्म, स्कूल बैग, जूता-मोजा, स्वेटर, स्टेशनरी आदि प्रदान करने के लिए प्रति छात्र-छात्रा 1200 रुपये उनके माता-पिता/अभिभावक के बैंक खाते में डी0बी0टी0 के माध्यम से अन्तरित किये जा रहे हैं। सभी शिक्षकगण इस बात को सुनिश्चित करें कि राज्य सरकार द्वारा भेजी गयी यह धनराशि बच्चों की स्कूल यूनीफॉर्म, स्कूल बैग, जूता-मोजा, स्वेटर, स्टेशनरी आदि पर ही खर्च हो।
उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि जिस देश व प्रदेश की शिक्षा बेहतर होती है, उस देश व प्रदेश को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। मुख्यमंत्री जी नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने बेसिक शिक्षा में आमूलचूल परिवर्तन करके दिखाया है। बच्चों को अच्छी गुणवत्ता का मध्यान्ह भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में बालिकाओं को आवासीय सुविधा के साथ उत्तम शिक्षा प्राप्त हो रही है और यहां पढ़ी बालिकाएं प्रदेश का नाम रोशन कर रही हैं।
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संदीप सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में राज्य सरकार शिक्षा को राष्ट्र निर्माण का साधन मानते हुए कार्य कर रही है। ऑपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत 19 पैरामीटर्स में 96 प्रतिशत सफलता प्राप्त हो चुकी है। लर्निंग बाई डूइंग, समर कैम्प जैसे विभिन्न नवाचार किये जा रहे हैं। एन0सी0ई0आर0टी0 का पाठ्यक्रम लागू किया गया है।
इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण, मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा श्री दीपक कुमार, सलाहकार मुख्यमंत्री श्री अवनीश कुमार अवस्थी, महानिदेशक स्कूली शिक्षा श्रीमती कंचन वर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे ।