विदेश में नौकरी ( नौकरी )के लिए बुला रहे ये 8 देश
नई दिल्ली. अगर आपको विदेश में नौकरी ( नौकरी ) करनी हो तो यह आपके लिए सुनहरा मौका है, कि दुनिया के 8 देश वीजा देकर नौकरी के लिए बुला रहे हैं. बस आपके पास पासपोर्ट और मार्कशीट होनी चाहिए. यहां आपको भारत की तुलना में अधिक सैलरी, बहुत अच्छी लाइफस्टाइल और दुनिया घूमने का मौका मिलेगा. नए देश में आपके लिए हर चीज नई होगी और साथ में मिलेंगी कई सुविधाएं. अगर आपके पास पासपोर्ट और मार्कशीट है तो वर्क वीजा के आधार पर आप कुछ देशों में आसानी से नौकरी कर सकते हैं और यहां आपको शानदार पैकेज के साथ यादगार अनुभव भी हासिल होगा. ऐसी भी संभावना है कि आप फिर विदेश में ही सेटल होना चाहें और हो भी जाएं.
अमेरिका में ज्यादातर प्रोफेशनल्स को H-1B वीजा दिया जाता है और इसके आधार पर वहां नौकरी करना आसान हो जाता है. अगर आपके पास वीजा है तो फिर आप किसी कंपनी में नौकरी तलाश सकते हैं और चाहें तो अमेरिका पहुंच कर भी वहां इंटरव्यू आदि की प्रक्रिया निभा सकते हैं. यह वीजा अमेरिका में नौकरी की पहली शर्त होता है. यह उन लोगों को दिया जाता है जो स्पेशल योग्यता रखते हैं और इससे संबंधित उन्होंने पढ़ाई की होती है.
स्पेन में उन लोगों आसानी से नौकरी मिल जाती है, जिनके पास यूनिवर्सिटी की डिग्री हो और स्पेन में रहने लायक अच्छी खासी धनराशि हो. अगर ये दो चीजें आपके पास हैं तो फिर आप स्पेन में आसानी से नौकरी कर सकते हैं. इसके लिए आपको क्लालिफाई करना होगा और उसमें भी 6 या उससे अधिक अंक लाने होंगे. यहां के लिए भी वैलिड पासपोर्ट, EX01 फॉर्म, हेल्थ इंश्योरेंस और एजूकेशनल सर्टिफिकेट जरूरी होंगे.
ऑस्ट्रिया में नौकरी आसान है और यहां पहले 6 महीनों के लिए वीजा मिल जाता है, लेकिन हाई लेवल वर्कर्स 100 की लिस्ट में आपके अंक 70 होने चाहिए. इसके अलावा पासपोर्ट, डोमेसाइल सर्टिफिकेट, हेल्थ इंश्योरेंस और एजूकेशनल सर्टिफिकेट जरूरी होते हैं.
न्यूजीलैंड में खास योग्यता वालों को प्राथमिकता के आधार पर चुना जाता है. ऐसे में अगर आपके पास कोई खास डिप्लोमा-डिग्री वाली योग्यता है तो फिर आपको नौकरी मिलने में देरी नहीं होगी. यहां एसएमसीआरवी वीजा जारी किया जाता है.
ऑस्ट्रेलिया में भी हजारों भारतीय हैं जो अब वहीं बस गए हैं. इनके अलावा हजारों भारतीय छात्र और प्रोफेशनल्स ऑस्ट्रेलिया को अपना ड्रीम डेस्टिनेशन मानते हैं. यहां वर्क वीजा के आधार पर नौकरी मिलती है. यहां आने वाले प्रोफेशनल्स पहले ही वर्क वीजा के लिए अप्लाई कर देते हैं. इसके लिए अन्य डॉक्यूमेंट्स के साथ पासपोर्ट भी जरूरी होता है. यहां शानदार पैकेज और कई सुविधाएं मिलती हैं.
जर्मनी में पहले 6 महीनों के लिए वीजा मिल जाता है, लेकिन आपकी उम्र 18 साल से अधिक होनी चाहिए. इसके अलावा अगर आपके पास ग्रेजुएशन की डिग्री, 5 सालों के काम का अनुभव, फाइनेंशियल स्टेबिलिटी हो तो आपके पासपोर्ट के आधार पर आपको वीजा मिल जाता है. इनके साथ सामान्य तौर पर 3 पासपोर्ट साइज के फोटो, नौकरी का कवरिंग लेटर, एजूकेशनल सर्टिफिकेट्स, हेल्थ इंश्योरेंस आदि भी जरूरी होते हैं.
अमेरिका के बाद दूसरा देश कनाडा है जहां भारतीयों को जॉब करना सबसे अधिक पसंद है. कनाडा में अगर जॉब करना हो तो सबसे पहले वर्क परमिट दिखाना पड़ता है. इसके बाद अपने काम का सर्टिफिकेट भी दिखाना होगा ताकि यह पता चल सके कि उस काम को आप कर सकते हैं. यहां हजारों भारतीय बस चुके हैं और यहां स्थायी निवासी बनने का मौका आसानी से मिल जाता है.
संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई में पहले 60, 90 या 120 दिन के लिए वीजा मिलता है. हालांकि यहां के लिए सबसे जरूरी है कि आपको वैज्ञानिक, तकनीकी या मानवीय क्षेत्रों में महारत हासिल हो. अगर आपके पास टॉप 500 यूनिवर्सिटीज से ग्रेजुएशन की डिग्री है तो आपको आसानी से नौकरी मिल सकती है, लेकिन आपको फाइनेंशियल गारंटी भी देनी होगी और पासपोर्ट दिखाना होगा.