धर्म - अध्यात्म

नेपाल (Nepal)या सिक्किम से गुजरने की नहीं होगी जरूरत

देहरादून. आने वाले समय में कैलाश मानसरोवर यात्रा श्रद्धालुओं के लिए पहले के मुकाबले काफी सुगम होने जा रही है. कैलाश मानसरोवर यात्रा अब बिना चीन या नेपाल (Nepal) गए पूरी हो सकेगी. दरअसल, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरीने हाल ही में कहा कि कैलाश मानसरोवर रोड प्रोजेक्ट का 90 फीसदी से ज्यादा काम पूरा हो चुका है. यह मार्ग उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से होकर जा रहा है.

गडकरी ने कहा, “कैलाश मानसरोवर रोड प्रोजेक्ट का 93 फीसदी काम पूरा हो चुका है.” नई सड़क से कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्रियों के यात्रा समय में कई दिन की कमी आने की उम्मीद है. वर्तमान में सिक्किम या नेपाल रूट्स के माध्यम से कैलाश मानसरोवर की यात्रा में लगभग 2 से 3 सप्ताह लगते हैं.

धारचूला-लिपुलेख रोड कनेक्टिविटी के लिए BRO की सराहना
केंद्रीय मंत्री ने साल 2022 में, कैलाश मानसरोवर यात्रा रूट के रूप में लोकप्रिय धारचूला को लिपुलेख तक रोड कनेक्टिविटी के काम को पूरा करने के लिए बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) की सराहना की थी. धारचूला-लिपुलेख रोड, पिथौरागढ़-तवाघाट-घाटियाबागढ़ रोड का विस्तार है. यह घाटियाबागढ़ से निकलती है और कैलाश मानसरोवर के प्रवेश द्वार लिपुलेख पास पर समाप्त होती है.

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