कृतज्ञता से बड़ा और कोई पुण्य नहीं निशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर में हुआ 140 का परीक्षण, 24 के होंगे ऑपरेशन !
इटावा – कृतज्ञता से बड़ा और कोई पुण्य नहीं है और किसी के कृतज्ञतापूर्ण व्यवहार को भूलना ही सबसे बड़ा पाप। समाज के वे लोग और वे परिजन सौभाग्यशाली हैं, जो अपने पुण्यात्माओं का कृतज्ञतापूर्ण स्मरण कर परमार्थ की उसी परंपरा के निर्वहन का आदर्श समाज के सामने रखते हैं। भारत विकास परिषद धर्मार्थ सेवा शाखा एवं श्री शंकर धर्मार्थ नेत्र चिकित्सालय राहतपुर के संयुक्त तत्वावधान में संस्थान के संस्थापक सदस्य स्व. राजाराम त्रिपाठी चच्चू एवं संस्थापक सदस्य डा. अशोक चौधरी के स्वर्गीय पुत्र शिवा चौधरी की पुण्य स्मृति में श्री शंकर धर्मार्थ नेत्र चिकित्सालय में मंगलवार को लगाए गए निशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर में आयोजित हुई विचार गोष्ठी में उक्त बात गणमान्य अतिथियों ने कही। इस शिविर में कुल 140 लोगों ने अपना परीक्षण कराया जिनमें 24 मरीज मोतियाबिंद ऑपरेशन हेतु चिन्हित किए गए, उनके निशुल्क ऑपरेशन अस्पताल में ही वरिष्ठ नेत्र सर्जन डा. राहुल सिंह एवं डा.आर के सी गुप्ता द्वारा किए जायेंगे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे विख्यात पर्यावरणविद, वन्यजीव विशेषज्ञ, सर्प मित्र डॉ0 आशीष त्रिपाठी ने अपने संबोधन में कहा कि, यह मेरे लिए बहुत ही सौभाग्य की बात है कि मुझे आज उस संस्थान में कुछ कहने का अवसर मिला है, जहां के लोग परमार्थ सेवा के लिए सतत समर्पित हैं और अनेक प्रकल्पों के माध्यम से समाज की भलाई में लगातार लगे हुए हैं। इसके बाद उन्होंने सर्पदंश से त्वरित बचाव और वन्यजीव सेवा से जुड़ीं अनेक महत्वपूर्ण जानकारियां जनसमूह से साझा की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सम्मानित शिक्षाविद् डॉ विद्याकांत तिवारी ने कहा कि पुण्यात्मा स्व. राजाराम त्रिपाठी चच्चू एवं होनहार युवा रहे स्व. शिवा चौधरी के परिजन सौभाग्यशाली हैं कि वे अपने परिवार की परमार्थ की परंपरा का आज भी उसी भावना के साथ निर्वहन कर समाज की पीड़ा को दूर करने के पुण्य प्रयासों में जुटे हुए हैं। चच्चू के परिजनों में उनके पुत्र कमलाकांत त्रिपाठी, श्रीमतीशीला त्रिपाठी, करुणाकर त्रिपाठी, श्रीमती नीलम त्रिपाठी तथा शिवा के ताऊ श्याम सुंदर दीक्षित ने संस्मरण सुनाए।
डॉ. बिंदू सिंह, विनोद त्रिपाठी, महेश चंद्र तिवारी अलकापुरी, एपीएन दुबे, हरीशंकर त्रिपाठी, सुरेश चंद्र दुबे, लालजी रामायणी, जगदीश प्रसाद पांडेय, सी बी मिश्रा , जगदीश यादव, गणेश ज्ञानार्थी, हरिदत्त दीक्षित, सुधीर मिश्र, विनय पांडे, बी एन मिश्रा, डा. जी सी चतुर्वेदी, प्रमोद चौधरी, घनश्याम तिवारी, डॉ. अजय, अवधेश पचौरी ने भी श्रद्धा सुमन अर्पित किए। चिकित्सालय के निदेशक राजेंद्र कुमार दीक्षित ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि पूर्व सीएमएस डा. पीयूष पांडे के संयोजन में लगे इस निशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर में सभी मरीजों का निशुल्क चिकित्सीय परीक्षण करके चश्मे की जांच व दवाइयां भी निशुल्क वितरित की गईं।