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हिमाचल ( Himachal ) पमें भी तबाही की आशंका है

शिमला. हिमालय ( Himachal ) पर भूंकप का बड़े भूकंप का खतरा मंडरा रहा है, जिससे हिमाचल में भी तबाही की आशंका है. वैज्ञानिकों की मानें तो इंडियन टेक्टॉनिक प्लेट की मूवमेंट को देखते हुए हिमालयी क्षेत्र में 8.0 तीव्रता के भूकंप का अंदेशा है. अगर ऐसा कभी हुआ और नुकसान कम से कम हो, इसको लेकर आईआईटी खड़गपुर ने रिसर्च शुरू कर दी है.

आईआईटी खड़गपुर जियोलॉजी और जियोफिजिक्स विभाग के 2 सीनियर रिसर्च फैलो और 2 जूनियर रिसर्च फैलो शिमला पहुंच गए हैं. इन शोधार्थियों की टीम राजधानी में 20 स्थानों पर सर्वे करेगी. सिस्मिक हेजेर्ड, वलनरेविलिटी एंड रिस्क असेस्मेंट किया जाएगा.

टीम के सदस्य सीनियर रिसर्च फैलो अमरेंदर प्रताप बिंद ने बताया कि शिमला का जियोफिजिकल फील्ड इन्वेस्टिगेशन किया जाएगा. शिमला का कुछ हिस्सा सिस्मिक जोन 4 में तो कुछ हिस्सा जोन 5 में आता है. शिमला की भूमि और चट्टानों का भी सर्वे किया जाएगा. साथ ही यहां पर जिस तरह से सड़क, रेलवे लाइन, पुल और भवन निर्माण समेत अन्य निर्माण हुए हैं, उनका अध्ययन किया जाएगा. ये टीम एक रिपोर्ट तैयार, जिसमें ये बताया जाएगा कि नुकसान को कैसे कम किया जा सकता है. बता दें कि आईआईटी देश के कई बड़े शहरों का अध्ययन कर रहा है.इस टीम में सीनियर रिसर्च फैलो ज्योथूला मदन, जूनियर रिसर्च फैलो शुभमय माजी और प्रीतम सिंह शामिल हैं.

शिमला में तबाही
भूंकप के लिहाज से शिमला शहर बहुत संवेदनशील है, अधिकतर इमारतें भूकंप रोधी नहीं हैं, अगर कोई बड़ा भूकंप आता है तो जान-माल की भारी क्षति हो सकती है. प्रदेश में कई स्थान ऐसे हैं जहां पर अवैज्ञानिक तरीके से भवनों का निर्माण हुआ है, कई विकासात्मक कार्यों और परियोजनाओं में भी नियमों की अनदेखी हुई है. यदि आपदा आई तो शिमला के संजौली जैसे उपनगर ओवर क्राउडिड हो गए हैं. यहां पर अधिक नुकसान होगा.

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