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अजूबे इंसानों की दुनिया (अजूबे इंसानों) 

धरती अजीबोगरीब: धरती अजीबोगरीब रहस्‍यों से भरी हुई है. कोई आपसे कहे कि अपनी सांस रोककर दिखाओ तो कितनी देर ऐसा कर सकते हैं? ज्यादा से ज्यादा 1 मिनट. लेकिन दुनिया में एक कम्‍युनिटी ऐसी भी है जो 5 से 13 मिनट तक अपनी सांसें रोक लेती है. इतना ही नहीं, इन लोगों ने समुद्र पर गांव बसा रखा है. 200 फीट गहरे पानी में ‘खेती’ करते हैं. आज हम आपको दुनिया के इस सबसे अजूबे इंसानों   (अजूबे इंसानों)  से मिलवाने जा रहे हैं. इनके कारनामे सुनकर आप दांतों तले उंगली दबा लेंगे.

हम बात कर रहे बजाऊ कम्‍युनिटी की. फिलीपींस के आसपास के समुद्री इलाकों रहने वाली यह कम्‍युनिटी पूरी दुनिया के लिए अजूबा है. इनके लिए चमचमाती सड़कें, इंटरनेट, मोबाइल जैसी मॉडर्न चीजों का कोई मतलब नहीं. ये आज भी पारंपर‍िक रूप से जीवन बसर करते हैं.

बजाऊ कम्‍युनिटी एक जनजात‍ि है. पेट पालने के लिए ये लोग सी-फूड की तलाश में समुद्र की तलहटी खोदते हैं. ये जमीन पर बहुत ही कम नजर आते हैं और हमेशा पानी के अंदर रहना पसंद करते हैं. आप जानकर हैरान होंगे कि कई सौ साल पहले फिलीपींस के लोगों ने उन्हें अपनी धरती से निकाल दिया था. तब इन्‍होंने समुद्र पर ही गांव बसा लिया. इन्‍हें समुद्र के बंजारे भी कहते हैं.

बांस के बने खंभों के सहारे खड़े घरों में ये लोग रहते हैं. कुछ लोग नावों पर जीवन गुजारते हैं. इनके बच्‍चे भी नाव चलाने और मछली पकड़ने में माहिर हैं. वे गहरे पानी में उतरकर अपनी आंखों से अच्छे से देखकर शिकार करते हैं. खास बात जब ये समंदर में उतरते हैं तो उनकी आंखें पूरी तरह खुली होती हैं. देखने में ये छोटी डॉल्फिन की तरह नजर आते हैं.

मछल‍ियों को पकड़ने के लिए ये लोग आज भी भाले का इस्तेमाल करते हैं. इसी से समुद्र की गहराइयों से ऐसी चीजें निकालते हैं, जिनका इस्‍तेमाल क्रॉफ्ट बनाने में किया जा सके. एक रिसर्च में पता चला कि इनका इम्‍युन सिस्‍टम धरती पर रहने वाले लोगों की तुलना में 50 फीसदी ज्‍यादा होता है.

मछली पकड़ने के लिए ये बिना ऑक्सीजन सिलेंडर के ही करीब 200 फीट गहरे समंदर की तलहटी तक पहुंच जाते हैं और फिर वहां छिपी मछलियों और दूसरे समुद्री जीवों को अपने भाले से मारकर ऊपर ले आते हैं. इस दौरान वे करीब 5 से 13 मिनट तक अपनी सांस आसानी से रोक लेते हैं.

रिसर्च में पता चला कि इनके रेड ब्लड सेल्स को रिसाइकल करने वाले प्लीहा ) का साइज सामान्य लोगों की तुलना में 50 फीसदी ज्यादा पाया गया. इसके चलते वे एक बार ऑक्सीजन खींचने के बाद देर तक उसे शरीर में रखकर यूज कर पाते हैं. जब कोई इंसान समुद्र में गोता लगाता है तो प्रेशर बढ़ने से फेफड़ों की नसों में ज्यादा खून भरने लगता है. स्थिति गंभीर होने पर नसें फटने से मौत भी हो सकती है. हालांकि इन्हें कुछ नहीं होता हैहोगा.

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