अंतराष्ट्रीय

रूस (Russia’s) की गलती की सजा भुगत रही दुनिया

नई दिल्ली: संयुक्त राज्य अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने गुरुवार को बहुपक्षवाद पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचार से सहमति जताते हुए रूस(Russia’s)  पर निशाना साधा. एंटनी ब्लिंकन ने कहा, ‘हम देखते हैं कि संयुक्त राष्ट्र में क्या खेल चल रहा, दो देश अवरुद्ध कर रहे हैं…पीएम मोदी सही कह रहे हैं कि बहुपक्षीय प्रणाली के लिए चुनौतियां हैं और वे चुनौतियां कई मायनों में सीधे रूस से आ रही हैं, जो उस प्रणाली के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन कर रहा है. इससे पहले पीएम मोदी ने नई दिल्ली में जी20 देशों के विदेश मंत्रियों को संबोधित करते हुए कहा था कि बहुपक्षवाद आज संकट में है और वैश्विक शासन अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में विफल रहा है और इसके परिणाम सबसे अधिक विकासशील देशों को भुगतने पड़ रहे हैं.

अमेरिकी विदेश मंत्री ने यूक्रेन रूस युद्ध पर कहा, ‘हर देश रूस की आक्रामकता की कीमत चुका रहा है; एक युद्ध जिसे राष्ट्रपति पुतिन कल समाप्त कर सकते हैं, यदि वह ऐसा करना चुनते हैं. हमने इसे रोकने के लिए कड़ी मेहनत की.’ हालांकि ब्लिंकन ने रूस से आक्रामकता और युद्ध को समाप्त करने और सार्थक कूटनीति में शामिल होने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि केवल इसी से स्थायी शांति पैदा हो सकता है, संयुक्त राज्य अमेरिका कूटनीति के माध्यम से यूक्रेन का समर्थन करने के लिए तैयार है. प्रेसर को संबोधित करते हुए, ब्लिंकन ने पुष्टि की कि उन्होंने रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ एक संक्षिप्त बातचीत की और न्यू स्टार्ट परमाणु हथियार कटौती संधि के बारे में भी चर्चा की.

एंटनी ब्लिंकन ने कहा, ‘मैंने रूस से अपने गैर-जिम्मेदाराना फैसले को वापस लेने और New START को लागू करने के लिए वापस लौटने का आग्रह किया, जो संयुक्त राज्य अमेरिका और रूसी संघ के परमाणु शस्त्रागार पर सत्यापन योग्य सीमाएं रखता है. इस संधि का पालन हमारे दोनों देशों के हित में है. यह इस बारे में भी है कि दुनिया परमाणु शक्तियों के रूप में हमसे क्या उम्मीद रखती है.’ उन्होंने कहा, ‘मैंने विदेश मंत्री से कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि दुनिया में या हमारे संबंधों में क्या हो रहा है, हम सामरिक हथियारों के नियंत्रण में शामिल होने और कार्य करने के लिए हमेशा तैयार रहेंगे, जैसा कि अमेरिका और सोवियत संघ ने शीत युद्ध के चरम के दौरान भी किया था.’ एक साल पहले रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष शुरू होने और अमेरिका के नेतृत्व वाले पश्चिमी देशों और मॉस्को के बीच दरार पैदा होने के बाद से दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच यह पहली आमने-सामने की बैठक थी.

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