चंडीगढ़ । हरियाणा (smugglers’ strike) की मंडियों में MSP के बिना वाली फसलों की खरीद ई-नेम पोर्टल से सरकार (smugglers’ strike) करना चाहती । बासमती धान भी शामिल , सरकार PR (मोटा चावल) की ही MSP पर खरीद करती है, अन्य किस्म के चावल को राइस मिलर्स या आढ़ती खरीदते हैं। हरियाणा में E-नेम से फसलों की खरीद किए जाने के विरोध में चल रही आढ़तियों की हड़ताल अब समाप्त हो गई है।
हरियाणा सरकार ने E- नेम की शर्त वापस ले ली है। मंडियों में अब पुराने तरीके से ही फसलों की खरीद की जाएगी। मंडियों में एक अक्टूबर से ही खरीद शुरू की जाएगी। मजदूरों और अनशन पर बैठे आढ़तियों से मुलाकात की। हरियाणा सरकार का E- नेम न तो किसानों के हित में और न ही आढ़तियों के लिए हितकारी है। हुड्डा ने अनशन पर बैठे आढ़तियों को जूस भी पिलाया।
किसान खेत में मौसम की मार तो मंडी में सरकारी लेटलतीफी की मार झेल रहा है। बार-बार मांग के बावजूद अब तक मंडियों में धान की सुचारू खरीद शुरू नहीं हुई है। तीन दिन की भारी बारिश की वजह से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। किसानों को सरकारी मदद की दरकार है। सरकार को जल्द गिरदावरी करवाकर किसानों को उचित मुआवजा देना चाहिए।