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वायुसेना(वायुसेना ) की और बढ़ेगी ताकत

नई द‍िल्‍ली. भारतीय वायुसेना में लड़ाकू स्क्वाड्रनों की कमी को पूरा करने की योजना बनाई गई है. आने वाले समय में वायुसेना  (वायुसेना ) का बेड़ा और मजबूत होगा. भारतीय वायुसेना ह‍िन्‍दुस्‍तान एयरोनॉट‍िक्‍स ल‍िम‍िटेड को 100 और हल्‍के लड़ाकू व‍िमान तेजस Mark 1A का ऑर्डर देने की योजना बना रही है. दो साल पहले फरवरी 2021 में 83 ऐसे लड़ाकू व‍िमानों की खरीद के ल‍िए 46,898 करोड़ रुपये की डील भी की जा चुकी है. ऐसे में 100 और नए एलसीए एमके-1 फाइटर जेट के ल‍िए फॉलो-ऑन ऑर्डर देने का प्रस्‍ताव भी तैयार है. इससे स्वदेशी एयरोस्पेस क्षेत्र को ‘आत्मनिर्भर भारत’ की द‍िशा में और मजबूती म‍िलेगी.
रक्षा सूत्रों की मानें तो फरवरी 2021 में 83 तेजस मार्क-1ए की खरीद के ल‍िए सौदा क‍िया गया था. वायुसेना की ओर से पहले ही 40 एलसीए एमके-1 प्रारंभ‍िक पर‍ि‍चालन मंजूरी (आईओसी) और अध‍िक उन्‍नत अंत‍िम पर‍िचालन मंजूरी (एफओसी) कॉन्‍फ‍िगरेशन में हैं.

उधर, रक्षा अधिकारियों ने एएनआई को बताया कि भारतीय वायु सेना ने फैसला किया है कि वह HAL से इन अत्यधिक सक्षम LCA Mark 1A लड़ाकू विमानों में से लगभग 100 और खरीदेगी. इस संबंध में प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय को सौंप दिया गया है. निजी रक्षा एयरोस्पेस क्षेत्र को अब तक का सबसे बड़ा बढ़ावा देने के लिए परियोजना को जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है.

इस ऑर्डर के बाद भारतीय वायुसेना के बेड़े में एलसीए तेजस फाइटर जेट की संख्या बढ़ जाएगी. अगले 15 सालों में भारतीय वायुसेना के पास 40 एलसीए, 180 से अधिक एलसीए मार्क-1ए और कम से कम 120 एलसीए मार्क-2 विमान होंगे. LCA Mark 1A के लिए आखिरी ऑर्डर 83 विमानों के लिए था और पहले विमान की डिलीवरी फरवरी 2024 के आसपास होगी. LCA Mark 1A तेजस विमान का अपडेट वर्जन है.

एलसीए मॉर्क 1ए विमान में वायु सेना को आपूर्ति किए जा रहे शुरुआती 40 एलसीए की तुलना में अधिक उन्नत एवियोनिक्स और रडार हैं. नए LCA Mark1As में 65 से 70 फीसदी स्वदेशी उपकरण लगे होंगे. प्रोजेक्‍ट की समीक्षा बैठक में भारतीय वायु सेना प्रमुख ने कहा कि एलसीए अपने विमान बेड़े के स्वदेशीकरण की दिशा में बल के प्रयासों का ध्वजवाहक रहा है. यह कार्यक्रम देश की आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया पहल का अग्रदूत रहा है. इससे भी खास बात यह है कि यह एयरोस्पेस क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता का ध्वजवाहक है.

र‍िपोर्ट्स के मुताब‍िक पहला एमके-1 व‍िमान फरवरी 2024 में ड‍िलीवर क‍िया जाएगा, बाकी व‍िमान साल 2029 तक ड‍िलीवर कर द‍िए जाएंगे. एलसीए एमके-1 व‍िमान को बॉर्डर एर‍िया में तैनात क‍िए जाने की उम्‍मीद है. बताया जाता है क‍ि एमके-1 व‍िमान ड‍िज‍िटल रडार वॉर्न‍िंग र‍िसीवर, बाहरी आत्‍मसुरक्षा जैमर पॉड, बेहतर रडार, एडवांस ब‍ियॉन्‍ड-व‍िजुअल-रेंड (बीवीआर) म‍िसाइलों और खास तौर से बेहतर रखरखाव के साथ आएगा. अगले फाइटर जेट में 65 से 70 फीसदी तक स्‍वदेशी उपकरण लैस होंगे.

बताते चलें क‍ि पहले के 40 एलसीए एमके1 व‍िमानों में से 32 व‍िमान आईएएफ को ड‍िलीवर क‍िये जा चुके हैं. वहीं, 8 ट्व‍िन-सीटर ट्रेनर आने वाले कुछ माह के भीतर ड‍िलीवर कर द‍िए जाएंगे. भारतीय वायुसेना ने जुलाई 2016 में 2 व‍िमानों के साथ अपना पहला एलसीए स्‍क्‍वाड्रन खड़ा क‍िया है. इस प्रोजेक्‍ट को 1983 में सोव‍ियत मूल के मिग-21 बेड़े के प्रत‍िस्‍थापन के तौर पर मंजूरी दी गई थी.

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