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बेटे ने पहले परीक्षा दी, फिर किया पिता (father)का अंतिम संस्कार

देवास. मध्य प्रदेश के देवास जिले में 12वीं के स्टूडेंट ने देश के सामने मिसाल पेश की. पिता (father) की हार्ट अटैक से मौत होने के बाद भी वह पहले परीक्षा देने गया. वहां से लौटकर उसने पिता का अंतिम संस्कार किया. उसने कहा कि वह भारी मन से परीक्षा देने गया था. वह किसी भी कीमत पर पिता का सपना टूटते नहीं देख सकता था. उसने बताया कि पूरा परिवार शिक्षा को बहुत महत्व देता है. इसलिए परीक्षा किसी भी परिस्थिति में नहीं छोड़ सकते थे.

गौरतलब है कि देवास नगर निगम में प्रभारी सहायक राजस्व निरीक्षक जगदीश सोलंकी आवास नगर में रहते थे. उनके परिवार में चार बेटियां और एक बेटा देवेंद्र है. जगदीश सोलंकी चारों बेटियों की शादी करा चुके हैं. देवेंद्र फिलहाल माउंट हायर सेकंडरी स्कूल में गणित विषय से 12वीं कर रहा है. 1 मार्च को जगदीश सोलंकी को हार्ट अटैक आ गया.

ये सब आसान नहीं था बेटे के लिए
उनकी तबीयत बिगड़ने लगी. देवेंद्र ने देखा कि पिता का शरीर किसी भी तरह की हरकत नहीं कर रहा. वह पिता को लेकर अस्पताल पहुंचा. यहां डॉक्टरों ने जगदीश को मृत घोषित कर दिया. अगले दिन देवेंद्र का हिंदी विषय का पेपर था. उसने रात भर पढ़ाई थी. घर में एक तरफ उसके पिता का शव रखा हुआ था, तो दूसरी तरफ उसकी परीक्षा का समय हो रहा था.

हर हाल में पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए- देवेंद्र
देवेंद्र ने परीक्षा देने का फैसला किया. वह किसी तरह परीक्षा हॉल पहुंचा और परीक्षा दी. उसने बताया कि पिता का देहांत हो गया, लेकिन परीक्षा देना मेरा धर्म था. मैं बता नहीं सकता मन कितना भारी है. लेकिन परीक्षा नहीं छोड़ सकते थे. उसने कहा कि पिता की भी इच्छा थी कि मैं बहुत आगे तक पढ़ाई करूं और अच्छी सरकारी नौकरी में जाऊं. उसने कहा कि परिस्थिति चाहे कैसी भी हो बच्चों को सबसे पहले पढ़ाई पर ही ध्यान देना चाहिए.

देश के सामने पेश की मिसाल
बता दें, देवेंद्र को परीक्षा केंद्र अध्यक्ष ने नियमों के मुताबिक 2 घंटे बाद ही केंद्र से जाने दिया. केंद्र अध्यक्ष का कहना था कि देवेंद्र ने देश के सामने मिसाल पेश की है. उन्होंने कहा कि उन्हें उसके घर में हुई घटना की जानकारी थी. लेकिन, वे भी नियम नहीं तोड़ सकते थे.

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