विनाशकारी बाढ़ के बाद ‘दूसरी आपदा’ (‘second disaster)की चेतावनी दी

इस्लामाबाद. बाढ़ और आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में अब जलजनित बीमारियां अपना पैर पसार रही हैं. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मलेरियां, डेंगू और अन्य बीमारियों के मरीज अस्पतालों में दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. हजारो लोग बीमारियों के इलाज के लिए अस्पतालों के गलियारे में बैठे हुए हैं. अस्पताल के कमरों के साथ आपातकालीन वार्ड भी भरे हुए हैं. पाकिस्तान के हालात को देखते हुए WHO ने भी दूसरी आपदा (‘second disaster) की चेतावनी दे दी है.
दक्षिणी पाकिस्तान के एक छोटे से शहर सेहवान के मुख्य सरकारी अस्पताल में आपातकालीन वार्ड में पांव रखने की भी जगह नहीं है. रिपोर्ट के मुताबिक सैकड़ों लोग कमरों और गलियारों में बैठे हुए हैं, जो मलेरिया और अन्य बीमारियों के इलाज के लिए बेताब हैं. बता दें कि ये जलजनित बीमारियां देश की सबसे भीषण बाढ़ के बाद से फैलनी शुरू हुई है.
अब्दुल्ला शाह इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ साइंसेज के आपातकालीन प्रतिक्रिया विभाग में एक युवा डॉक्टर नवीद अहमद ने बताया कि दक्षिणी पाकिस्तान में बीमारी और मौत को सीमित करने की लड़ाई हम लगातार लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि 22 करोड़ की आबादी वाले देश में बाढ़ से करीब 33 मिलियन लोग प्रभावित हुए हैं. रिपोर्ट में बताया गया कि हर सुबह उनके क्लिनिक में अनुमानित 300-400 रोगियों में से कई बच्चे मलेरिया और दस्त से पीड़ित होते हैं. अहमद के मुताबिक, बाढ़ के वजह से लोगों में त्वचा, आंखों में संक्रमण, दस्त, मलेरिया, टाइफाइड और डेंगू बुखार के व्यापक मामले सामने आ चुके हैं. उन्होंने बताया पाकिस्तान में फैले बाढ़ के पानी को कुछ स्थानों पर कम होने में दो से छह महीने लग सकते हैं.
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रिपोर्ट के मुताबिक बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र सिंध प्रांत के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार एक जुलाई से अब तक मलेरिया के 17,285 मामलों की पुष्टि हो चुकी है. बीमारी के प्रकोप के जोखिम को देखते हुए, सिंध सरकार सबसे अधिक जोखिम वाले जिलों में अस्थायी आधार पर 5,000 से अधिक स्वास्थ्य पेशेवरों को नियुक्त करने की कोशिश कर रही है.